दिल्ली के अधिकारियों ने मांगी सुरक्षा, केजरीवाल बोले जो बन पड़ेगा, वो करूंगा
नई दिल्ली। केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन व गोपाल राय के साथ बीते सोमवार से ही राजनिवास में लगातार धरना पर बैठे हैं। वह उपराज्यपाल से मांग कर रहे हैं कि वह दिल्ली प्रशासन में कार्यरत आईएएस अधिकारियों को ‘अघोषित हड़ताल’ खत्म करने का आदेश दें।
केजरीवाल का आरोप है आईएएस अधिकारियों ने भाजपा के दबाव में अघोषित हड़ताल कर रखी है।
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार और आईएएस अधिकारियों के बीच चला आ रहा गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। रविवारको आईएएस अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसी तरह की हड़ताल से साफ इनकार किया। आईएएस मनीषा सक्सेना ने कहा कि हड़ताल की सूचना ‘पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठी’ है। अधिकारियों के अनुसार, वह ‘डरे’ हुए हैं।
आईएएस वर्षा जोशी ने कहा कि ‘हमें राजनैतिक कारणों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।’ प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों ने आम आदमी पार्टी के विधायकों व मंत्रियों के व्यवहार से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वह सदैव इस भय में रहते हैं कि कब, कहां उनपर कोई हमला हो जाएगा।
आईएएस अधिकारियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपना बयान ट्वीट किया। उन्होंने अधिकारियों को यथासंभव सुरक्षा उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया।
My appeal to my officers of Delhi govt …. pic.twitter.com/YQ02WgaAtd
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 17, 2018
अपने संदेश में केजरीवाल ने कहा, ”मुझे बताया गया है कि आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आज अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। मैं उन्हें यह आश्वासन देना चाहता हूं कि मैं अपनी शक्ति और संसाधनों के भीतर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करूंगा। यह मेरा कर्त्तव्य है। मैंने ऐसे ही आश्वासन कई अधिकारियों को दिए हैं, जिन्होंने मुझसे निजी तौर पर मुलाकात की। मैं आज फिर वही दोहराता हूं।”
केजरीवाल ने आगे कहा, ”अधिकारी मेरे परिवार की तरह हैं। मैं उनसे गुजारिश करूंगा कि सरकार का बायकॉट बंद करें, अभी काम पर लौटें और मंत्रियों की बैठकों में उपस्थित होना शुरू करें। उनके कॉल्स और मेसेजेस का जवाब दें। उन्हें (अधिकारियों) बिना किसी भय या दबाव के काम करना चाहिए। वह किसी के भी दबाव में न आएं, चाहें वह राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार या कोई अन्य राजनैतिक दल।”