राफेल डील मामला: शरद पवार का पीएम मोदी को लेकर बड़ा बयान
नई दिल्ली। राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर लगातार हमला कर रही है। राहुल गांधी पीएम मोदी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में यूपीए की सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने राफेल को लेकर कांग्रेस के दावों की हवा निकाल दी है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि पीएम मोदी के इरादों पर शक नहीं किया जा सकता है।देश के पूर्व रक्षा मंत्री रहे शरद पवार ने अपने इंटरव्यू में राफेल सौदे की जानकारी को लेकर कांग्रेस की मांग पर सवाल उठाए। पवार ने कहा कि कांग्रेस की मांगों का कोई औचित्य नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि फाइटर प्लेन की कीमतों का खुलासा करने से सरकार को कोई खतरा नहीं होता। उन्होंने कहा ‘निजी तौर पर मुझे लगता है कि लोगों को पीएम मोदी के इरादों पर कोई शंका नहीं है।
शरद पवार ने कहा कि जिस तरह रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूरे मामले को लेकर सरकार के पक्ष को रखा, उससे लोगों के मन में दुविधा की स्थिति पैदा हुई है। जबकि, अब वित्त मंत्री अरुण जेटली रक्षा मंत्री की जगह इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रख रहे हैं। चूंकि भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल जहाज खरीदने का समझौता साल 2016 में हुआ था। उस वक्त मैक्रों नहीं बल्कि फ्रांस्वा ओलांद सत्तासीन थे।
राफेल सौदे पर भारत में चल रहे विवाद के बीच फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इससे किनारा कर लिया है। मैक्रों ने कहा कि जिस वक्त भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील हुई वे सत्ता में नहीं थे। संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली से इतर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मैक्रों ने कहा, ‘यह दो देशों की सरकार के बीच का सौदा था। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कुछ दिन पहले कही गई बात को ही दोहराऊंगा। मैं उस वक्त सत्ता में भी नहीं था। मैं जानता हूं कि हमारे यहां बड़े ही स्पष्ट नियम हैं।
रक्षा मंत्री की सफाई
मोदी सरकार को बचाने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अहम भूमिका निभा रही हैं। उनके अनुसार, भारत की रक्षा तैयारियों से संबंधित एक संवेदनशील मुद्दे पर विपक्ष के आरोप निराधार हैं। सीतारमण ने स्पष्ट किया था कि मोदी सरकार ने 2016 में 58,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए फ्रांस के साथ एक सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।