नई दिल्ली। अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) का व्रत संतान की लंबू आयू और खुशहाल जीवन के लिए मनाया जाता है। हर साल ये व्रत कार्तिक मास (Karthik Month) के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है। इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 08 नवंबर दिन रविवार को पड़ रहा है।
इस दिन माताएं अपनी संतान की खुशहाल और सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत मुख्यत: सूर्योदय से लेकर सूयोस्त के बाद तक होता है। शाम के समय में आकाश में तारों को देखकर व्रत का पारण किया जाता है। कुछ स्थानों पर माताएं चंद्रमा दर्शन के बाद पारण करती हैं।
अहोई अष्टमी तिथि
इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 8 नवंबर को सुबह 7 बजकर 29 मिनट से हो रहा है। इस तिथि का समापन 9 नवंबर को सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में अहोई अष्टमी का व्रत 8 नवंबर को रखा जाएगा।
अहोई अष्टमी शुभ मुहूर्त
अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा विधि विधान से की जाती है। इस दिन पूजा के लिए शाम को 1 घंटा 19 मिनट का समय है। आपको अहोई अष्टमी की पूजा शाम 05 बजकर 37 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट के बीच कर लेना चाहिए।
अहोई अष्टमी 2020 पारण का समय
अहोई अष्टमी का व्रत तारों के देखने के बाद पारण के साथ पूरा होता है। 8 नवंबर को शाम 8 बजकर 2 मिनट पर तारों को देखने का समय है। इसके बाद आप पारण करके व्रत को पूरा कर सकती हैं।
अहोई अष्टमी 2020 चंद्रोदय का समय
अहोई अष्टमी के दिन चंद्रमा काफी देर से दिखाई देगा। इस दिन देर रात 12 बजकर 02 मिनट पर चंद्रोदय होगा।