नई दिल्ली। सनातन धर्म में जब भी घर की सुख शांति, संपन्नता के लिए पूजा की जाती है तो उसमें दीपक यानी दीया जलाया जाता है। हिंदू धर्म में दीए का खास महत्व होता है। किसी भी तरह का धार्मिक अनुष्ठान या फिर पूजा पाठ (Puja Path) हो अग्नि देव की आराधना जरूर की जाती है। पूजा के दौरान सभी देवी-देवताओं के आगे दिया जलाना जरूरी होता है। दीए को हिन्दू धर्म की आस्था और विश्वास का भी प्रतीक कहा जाता है। बिना दीया जलाए पूजा अधूरी मानी जाती है लेकिन कई बार लोग दिया जलाते समय कई गलतियां कर देते हैं जिससे उन्हें पूजा का फल नहीं मिल पाता। तो चलिए आपको बताते हैं क्या है पूजा में दीया जलाते हुए आपको किन बातों का ख्याल रखने की जरूरत है।
दीपक जलाते समय ध्यान रखें ये बात (Deepak Jalane ke Niyam)
1. जब भी आप मिट्टी का दीया जला रहे हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि ये खंडित यानी कहीं से भी टूटा हुआ न हो। टूटा हुआ दीया जलाने से इंसान के मन का आत्मविश्वास कमजोर होता है।
2. भगवान के सामने दीया जलाते हुए इस बात का ख्याल रखें कि अगर आपने घी का दीया जलाएया है तो इसे बाएं हाथ की तरफ रखें और अगर तेल का दीपक जला रहे हैं तो इसे दाहिने हाथ की तरफ रखें। ऐसा करने से भगवान की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है और घर में सुख समृद्धि का वास भी होता है।
3. अगर आप किसी मनोकामना की पूर्ति या फिर कोई संकल्प ले रहे हैं तो ऐसी पूजा में आपको आटे का दीपक जलाना चाहिए।
4. जो लोग न्याय के देवता भगवान शनि देव को खुश कर उनकी कृपा पाना चाहते हैं उन्हें तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ये उपाय शनि देव की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रकोप से बचने के लिए भी किया जा सकता है।
5. बहुत से लोग कभी भी किसी भी समय पूजा करने बैठ जाते हैं लेकिन दीया जलाने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:00 से 10:00 बजे तक होता है और शाम को 5:00 से 7:00 बजे तक आप दीया जला सकते हैं।