नई दिल्ली। हिंदू शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों का बहुत महत्व है। ज्योतिषशास्त्र में मनुष्य के जीवन में इस्तेमाल होने वाली प्रत्येक चीज को किसी न किसी ग्रह से जुड़ा हुआ बताया गया है। हमारे जूतों को भी शनि ग्रह से जुड़ा हुआ बताया गया है। यही कारण है कि कहा जाता है जिन लोगों पर शनि का प्रकोप हो उन्हें जूतों का दान करना चाहिए। इसके अलावा भी जूते से जुड़े कई नियम बताये जाते हैं, जिनका हमें विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
1. वास्तुशास्त्र के अनुसार, जूते-चप्पल और उनका रैक घर की उत्तर-पूर्व दिशा में भूलकर भी नहीं रखना चाहिए। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि, घर में सूर्य का प्रवेश इसी दिशा से होता है। इस दिशा में जूते रखने से घर में सकारात्मक उर्जा का प्रवेश बाधित होता है।
2. कहा जाता है कि उपहार में मिले जूते कभी भी नहीं पहनने चाहिए। ऐसा करने से किस्मत के दरवाजे बंद हो जाते हैं। इसके अलावा करियर के क्षेत्र में भी बाधा उत्पन्न करता है।
3. वास्तुविदों का कहना है कि ऑफिस में भूलकर भी भूरे या लकड़ी के रंग के जूते पहनकर नहीं जाना चाहिए। ऐसा करने से पहले से बिगड़ी चीजों के और बिगड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
4. बैंकिंग या एजुकेशन के सेक्टर में काम करने वालों को कॉफी ब्राउन या गहरे भूरे रंग का जूता पहनने से बचना चाहिए। इससे व्यक्ति की आय पर बुरा असर पड़ सकता है।
5. मेडिकल या लोहे से जुड़े किसी सेक्टर में काम करने वाले लोगों को सफेद रंग के जूते पहनने से बचना चाहिए। इससे आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
6. पानी या आयुर्वेद के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को नीले रंग के जूते पहनने से बचना चाहिए। साथ ही उन्हें कपड़ों से बने जूते भी नहीं पहनने चाहिए।
7. भोजन करते समय कभी भी जूते नहीं पहनने चाहिए। ऐसा करने से जीवन में नकारात्मकता आती है। अगर कोई व्यक्ति घर से बाहर भी खाना खा रहा है तो भी भोजन से पहले जूते अवश्य उतार देने चाहिए।