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Masik Shivratri 2021: मासिक शिवरात्रि पर करें ये उत्तम उपाय, मिलेगा मनोवांछित फल

Masik Shivratri 2021: वैसे तो भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए भोलेनाथ के भक्तों को ज्यादा कुछ करने आवश्यकता नहीं है। भोलेनाथ तो सिर्फ जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। औघड़ दानी शिवशंकर भोलेनाथ आपके थोड़े से प्रयास करने से भी प्रसन्न हो जाते हैं।

नई दिल्ली। वैसे तो भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए भोलेनाथ के भक्तों को ज्यादा कुछ करने आवश्यकता नहीं है। भोलेनाथ तो सिर्फ जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। औघड़ दानी शिवशंकर भोलेनाथ आपके थोड़े से प्रयास करने से भी प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन हर माह की आनेवाली शिवरात्रि और साल भर में एक बार आनेवाली महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने और मनवांछित फल पाने के लिए आपको इन उपायों को करना चाहिए। वैसे तो महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) साल भर में एक बार ही पड़ती है। जिसमें भक्तों को भोलेनाथ की कृपा पाने का मौका मिलता है। लेकिन कम लोग ही जानते हैं कि इसके अलावा हिंदू शास्त्रों के अनुसार शिवरात्रि हर माह भी पड़ती है। हर माह पड़ने वाली शिवरात्रि भी नीलकंठ की कृपा पाने का उत्तम साधन है।

shiv parvati

जानें कब पड़ती है मासिक शिवरात्रि?

मासिक शिवरात्रि (Monthly Shivratri) हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। हर महीने में कृष्ण पक्ष और इस पक्ष की  चतुर्दशी तिथि आती है। लिहाज़ा इस संयोग को मासिक संयोग कहते हैं। ऐसी मासिक शिवरात्रि पर विधि-विधान से भस्म रमैया का पूजन-अर्चन करना कम प्रयास में भी अधिक फलदेने वाला होता है। माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि को आस्था के साथ, एकाग्रचित्त (Concentrate) होकर व्रत रखने से साधक की हर मनोकामना पूर्ण होती है और वह शिव की महाकृपा का पात्र बनता है।

क्या है मासिक शिवरात्रि में पूजा का विधान ?

शिव की कृपा पाना अत्यन्त सरल है। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना यूं तो बेहद आसान है, क्योंकि वो तो सिर्फ भक्त का प्रभु में अनुराग और निष्कपट मन देखते हैं। कहा भी गया है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। लेकिन फिर भी धर्म ग्रंथों और मनीषियों के द्वारा मासिक शिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की पूजा का नियत विधान बताया गया है। इस दिन शिव परिवार का पूजन किया जाता है। स्वयं नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नानादि करके श्वेत वस्त्र धारण करें। प्रथम पूज्य भगवान गजानन, संहारकर्ता भगवान भोलेनाथ, आदि शक्ति माता पार्वती, देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय और भगवान शिव के प्रिय वाहन नंदी की प्रतिमाएं स्थापित करें। शिव परिवार को पंचामृत स्नान कराएं। पूजा में बेल पत्र, फूल, धूप, दीप, फल, नैवेद्य और इत्र जरूर शामिल करें। शिव परिवार की कृपा पाने के लिए प्रथम पूज्य गणपति महाराज का सबसे पहले पूजन आह्वान करें। अंत में शिव चालीसा, शिव पुराण या शिवाष्टक का पाठ करना न भूलें। पूजा समापन भगवान शिव की आरती से करें।

ऐसे किया पूजन तो मनचाहा वर मिलना तय है

मासिक शिवरात्रि पर शास्त्रोक्त विधि से शिव पूजन करने और व्रत रखने से केवल भगवान शिव ही नहीं, पूरे शिव परिवार की कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि ये व्रत अनुष्ठान पूरा करने पर साधक की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है। विशेष रूप से जो कन्याएं मन वांछित वर प्राप्त करना चाहती हैं या जिनके विवाह में किसी भी तरह की रूकावटें आ रही होती हैं वो अनायास ही दूर हो जाती हैं। सच्चे मन से आह्वान करने मात्र से भक्तों के पास दौड़े चले आने वाले भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सरल और सुलभ साधन है शिव चालीसा। ऐसे में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा का पाठ अवश्य करना शास्त्रों में बताया गया है।