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Ganesh Chaturthi 2022: कलंक चतुर्थी पर भूल से भी न देखें चांद, वरना लग जाएगा ऐसा आरोप

Ganesh Chaturthi 2022: श्री गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला ये त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है। हिंदू धर्म के लोग पूरे साल इस त्योहार के आने की प्रतीक्षा करते रहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना अत्यंत अशुभ होता है।

नई दिल्ली। बहुत ही जल्द गणपति बप्पा पधारने वाले हैं। यानी इसी हफ्ते गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। श्री गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला ये त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है। हिंदू धर्म के लोग पूरे साल इस त्योहार के आने की प्रतीक्षा करते रहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना अत्यंत अशुभ होता है। गणेश चतर्थी के दिन जो लोग जाने-अनजाने में भी चंद्रमा को देख लेते हैं, उन पर झूठा आरोप लग जाता है। यही कारण है कि इसे ‘कलंक चतुर्थी’ के नाम से भी जाना जाता है। इस साल ये त्योहार 31 अगस्त को पड़ रहा है। अब आप ये सोच रहे होंगे कि आखिर इस दिन चांद को न देखने का कारण क्या है। तो आइए आपको बताते हैं इस दिन चांद को क्यों नहीं देखना चाहिए। साथ ही ये भी बताते हैं कि अगर गलती से आप चांद देख लेते हैं तो इसके कुप्रभावों से बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए…

गणेश चतुर्थी को चांद न देखने का कारण

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को भगवान गणेश किसी निमंत्रण से भोजन करके लौट रहे थे। उसी समय रास्ते में चंद्रदेव मिल गए। चंद्रदेव को श्रीगणेश का पेट और गजमुख स्वरूप देखकर हंसी आ गई। उन्हें स्वयं पर हंसता हुआ देखकर भगवान गणेश ने क्रोधित होकर चंद्रमा को श्राप देते हुए कहा कि ‘तुम्हें अपने रूप पर बहुत अधिक अहंकार है। इसलिए मैं तुम्हें श्राप देता हूं कि तुम्हारे स्वरूप का क्षय हो जाएगा और आज के दिन जो भी तुम्हें देखेगा उस पर झूठे और गंभीर कलंक लग जाएंगे।’ कहा जाता है कि चंद्रमा में दिखाई देने वाला काला धब्बा भगवान गणेश के श्राप की वजह से ही आया है।

भगवान कृष्ण पर भी लगा था चोरी का आरोप

पौराणिक मान्यता है कि एक बार भगवान कृष्ण ने भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन कर लिए थे, जिसके बाद उन पर मणि की चोरी का झूठा आरोप लगा था। इसके प्रायश्चित के लिए उन्होंने नारद मुनि की सलाह पर गणेश चतुर्थी का व्रत भी रखा था।

अगर भूल से देख लें चांद तो करें ये उपाय

गणेश चतुर्थी के दिन अगर आप भूल से या जाने-अनजाने में चंद्रमा के दर्शन कर लेते हैं, तो इसके श्राप से मुक्ति पाने के लिए आपको स्नानादि करने के बाद ‘सिंहः प्रसेनमवधित्सिम्हो जाम्बवत हतः सुकुमारक मा रोदीः तव ह्योष स्यमन्तकः’ का जाप करना होगा। ऐसा करने आप झूठे आरोपों में फंसने से बच सकते हैं।