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Tulsi Vivah 2020: जानें कब है तुसली विवाह और शुभ मुहुर्त

Tulsi Vivah 2020: हिंदू धर्म में तुसली विवाह (Tulsi Vivah) का खास महत्तव है। तुसली विवाह हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन किया जाता है। इसे देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) के रुप में भी जाना जाता है।

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में तुसली विवाह (Tulsi Vivah) का खास महत्तव है। तुसली विवाह हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन किया जाता है। इसे देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) के रुप में भी जाना जाता है। इस साल ये पर्व 25 नवंबर को पड़ रही है।

तुसली विवाह क्या है?

इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है। इस विवाह को कराने वाले के काफी पुण्य मिलता है। ये पुण्य उतना ही मिलता है जितना एक कन्यादान कराने पर मिलता है। बता दें कि शालिग्राम जी को भगवान विष्णु का अवतार बताए जा रहे हैं।

तुसली विवाह शुभ मुहुर्त

इस साल तुसली विवाह का शुभ मुहुर्त 25 नवंबर को है। सुबह 2 बजकर 42 मिनट से 26 नवंबर सुबह 5 बजकर 10 मिनट तक है।

तुसली विवाह पूजन विधि

इस खास तौर पर तुसली के पौधे की पूजा की जाती है और माता तुसली का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है। जिसके लिए सबसे पहले तुलसी के पौधे के चारों तरफ मंडप बनाएं। फिर तुलसी के पौधे पर लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं। फिर श्रृंगार की चीजें भी चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शालिग्राम की पूजा करें। फिर भगवान शालिग्राम की मूर्ति को उठाए और तुलसी जी के साथ सात परिक्रमा कराएं। इसके बाद अंत में आरती करें और विवाह पूर्ण करें।