Worship: कभी भूल कर भी ना करें घर के मंदिर में ये 5 गलतियां, धन और सुख की होती है कमी

Worship : हिन्दू धर्म (Hindu Religion) में हर घर में पूजा (Worship) के लिए मंदिर (Temple at Home) होता है। शुभ ऊर्जा (Positive Eenergy) के संचार के लिए घर में मंदिर का होना आवश्यक है।

Avatar Written by: September 20, 2020 11:55 am
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नई दिल्ली। हिन्दू धर्म (Hindu Religion) में हर घर में पूजा (Worship) के लिए मंदिर (Temple at Home) होता है। शुभ ऊर्जा (Positive Eenergy) के संचार के लिए घर में मंदिर का होना आवश्यक है। घर में मंदिर या पूजा का स्थान नियत होने से तमाम तरह की समस्याएं खुद ही दूर हो जाती हैं। विशेष रूप से स्वास्थ्य और मन की शांति के लिए। घर में मंदिर होने से आर्थिक समृद्धि बनी रहती है। घर में पूजा स्थान होने से घर के लोगों में आपसी तालमेल बना रहता है। लेकिन कभी-कभी ये उल्टा प्रभाव करता है। हम आपको बताते हैं 5 गलतियां जो घर के मंदिर में ना हो।

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मंदिर या पूजा स्थान का पूरा लाभ तभी हो सकता है जब इसकी स्थापना में नियमों का पालन किया जाए। इसके लिए जरूरी है कि सही तरीके से मंदिर की स्थापना की जाए, देवी-देवताओं की स्थापना करते समय नियमों का पालन किया जाए और मंदिर या पूजा स्थल को जागृत रखा जाए।

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इन बातों का रखें ध्यान

सामान्य रूप से पूजा घर या मंदिर घर के ईशान कोण में होना चाहिए। अगर ईशान कोण में ऐसा नहीं कर सकते तो कम से कम पूर्व दिशा का प्रयोग कर लें। अगर फ्लैट में हैं तो सिर्फ सूर्य के प्रकाश का ध्यान रखें। पूजा का स्थान नियत होना चाहिए और उसे बार-बार न बदलें। पूजा स्थान का रंग हल्का पीला या श्वेत रखें, गाढ़े रंग से बचें, तिकोना या गुम्बद वाला मंदिर पूजा स्थान पर रखने के बजाय केवल पूजा की एक छोटी सी जगह बना दें।

मंदिर में देवी देवताओं की स्थापना करने के नियम

मंदिर की आकृति रखने की बजाय पूजा का स्थान बनाएं। इस स्थान पर देवी देवताओं की भीड़ न लगाएं। जिस देवी या देवता की मुख्य रूप से आप उपासना करते हैं उनके चित्र अथवा मूर्ति की स्थापना एक आसन या चौकी पर करें। अन्य को बगल में स्थापित कर सकते हैं। अगर मूर्ति की स्थापना करनी है तो यह 12 अंगुल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, चित्र कितना भी बड़ा हो सकता है। पूजा स्थान पर शंख, गोमती चक्र और एक पात्र में जल भरकर जरूर रखें।

कैसे करें मंदिर या पूजा स्थान को जागृत

दोनों वेला एक ही समय पूजा उपासना का नियम बनाएं। सायंकाल की पूजा में दीपक जरूर जलाएं, दीपक पूजा स्थान के मध्य में रखें। पूजा के पहले थोड़ा सा कीर्तन या उच्चारण सहित मंत्र जाप पूरे घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। मंदिर हमेशा साफ सुथरा रखें और वहां पर एक लोटे में जल भरकर जरूर रखें। आप कोई भी पूजा करते हों, अगर गुरु मंत्र नहीं मिला है तो गायत्री मन्त्र का जाप जरूर करें। पूजा के बाद अर्पित किया हुआ जल प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।