newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Jyeshtha Purnima 2022: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव को अर्पित करें ये खास चीज, दूर होगा कुंडली से चंद्र दोष, पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं

Jyeshtha Purnima 2022: इस दिन भगवान सत्यनारायण और देवी लक्ष्मी का व्रत और पूजा करने का नियम है। इस बार ये तिथि मंगलवार यानी 14 जून को पड़ रही है। भगवान सत्यनारायण और माता लक्ष्मी के साथ  इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली का चंद्र दोष दूर होन के साथ इसकी स्थिति मजबूत भी होती है।

नई दिल्ली। हिंदू शास्त्रों में प्रत्येक माह में पड़ने वाली पूर्णिमा और अमावस्या का विशेष महत्व होता है। हर माह इन दोनों की पूजा-विधि और मान्यता आदि भी अलग होती है। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को ‘ज्येष्ठ पूर्णिमा’ कहा जाता है। ये तिथि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर पड़ती है। इस दिन भगवान सत्यनारायण और देवी लक्ष्मी का व्रत और पूजा करने का नियम है। इस बार ये तिथि मंगलवार यानी 14 जून को पड़ रही है। भगवान सत्यनारायण और माता लक्ष्मी के साथ  इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली का चंद्र दोष दूर होने के साथ इसकी स्थिति मजबूत भी होती है। तो आइये जानते हैं, जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाने वाले लक्ष्मी-नारायण को समर्पित इस व्रत की कुछ महत्वपूर्ण बातें…

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत करने का शुभ मुहूर्त 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त 13 जून, सोमवार, रात 09 बजकर 02 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगी, जो अगले दिन 14 जून, मंगलवार, शाम 05 बजकर 21 मिनट तक बना रहेगा।

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा कराना काफी शुभ माना जाता है। साथ ही एक लोटे में जल दूध, अक्षत मिलाकर चंद्रमा को अर्पित करते हुए चंद्र देव की पूजा करना भी फलदायी होता है।

इसके अलावा, इस दिन दान पुण्य करना भी काफी अच्छा माना जाता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सफेद वस्तुओं का दान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत होती है। इससे जीवन में सकारात्मकता भी आती है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दिन साध्य योग भी पड़ रहा है, जो मांगलिक कार्य करने के लिए काफी शुभ माना जाता है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।