newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

शरद पूर्णिमा 2020 : जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

ज्योतिष की मान्यता एवं प्राचीन धर्म ग्रंथो के अनुसार तथा हिन्दू-पंचांगों (Hindu Panchaang) के अनुसार आश्विन मास (Ashwin Month) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima), कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा कहते हैं।

नई दिल्ली। ज्योतिष की मान्यता एवं प्राचीन धर्म ग्रंथो के अनुसार तथा हिन्दू-पंचांगों (Hindu Panchaang) के अनुसार आश्विन मास (Ashwin Month) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima), कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा (Goddess Laxmi Puja) की जाती है।

महत्व

कहा जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में कभी भी धन की कोई कमीं नहीं रहती। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। जिसके कारण इस दिन चंद्रमा की रोशनी भी बहुत अधिक होती है।

शुभ मुहूर्त

शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय – शाम 5 बजकर 11 मिनट (30 अक्टूबर 2020)

तिथि

30 अक्टूबर 2020

तिथि प्रारम्भ – शाम 05 बजकर 45 मिनट से

तिथि समाप्त – अगले दिन रात 08 बजकर 18 मिनट तक

पूजा विधि

1. शरद पूर्णिमा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें।

2. इसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता लक्ष्मी की मुर्ति या तस्वीर स्थापित करें और उन्हें उन्हें लाल पुष्प, नैवैद्य, इत्र, सुगंधित चीजें चढ़ाएं।

3.यह सभी चीजे अर्पित करने के बाद माता लक्ष्मी के मंत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ अवश्य करें और उनकी धूप व दीप से आरती उतारें।

4. इसके बाद माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और किसी ब्राह्मण को इस दिन खीर का दान अवश्य करें।

5. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर अवश्य रखें और अगले दिन उसे पूरे परिवार के साथ मिल बांटकर खाएं।