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Sharad Purnima 2020: जानें शरद पूर्णिमा का महत्व और शुभ मुहूर्त

Sharad Purnima 2020: आश्विन मास (Ashwin Month) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima) कहा जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा (Goddess Laxmi Puja) की जाती है।

नई दिल्ली। आश्विन मास (Ashwin Month) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima) कहा जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा (Goddess Laxmi Puja) की जाती है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी समस्त कलाओं में पूर्ण होता है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा कि किरणों से अमृत बरसता है।

इस दिन की चांदनी सबसे ज्यादा तेज प्रकाश वाली होती है। इतना ही नहीं, देवी और देवताओं को सबसे ज्यादा प्रिय पुष्प ब्रह्म कमल भी शरद पूर्णिमा की रात को ही खिलता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किए गए धार्मिक अनुष्ठान कई गुना फल देते हैं।

शरद पूर्णिमा महत्त्व

शरद पूर्णिमा को कामुदी महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी विचरण करती हैं। इसकी वजह से शरद पूर्णिमा को बंगाल में कोजागरा भी कहा जाता है जिसका अर्थ है कौन जाग रहा है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा धरती के बेहद पास होता है। जिसकी वजह से चंद्रमा से जो रासायनिक तत्व धरती पर गिरते हैं वह काफी सकारात्मक होते हैं और जो भी इसे ग्रहण करता है उसके अंदर सकारात्मकता बढ़ जाती है।

शरद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय – शाम 5 बजकर 11 मिनट (30 अक्टूबर 2020)

शरद पूर्णिमा तिथि

30 अक्टूबर 2020

तिथि प्रारंभ – शाम 05 बजकर 45 मिनट से

तिथि समाप्त – अगले दिन रात 08 बजकर 18 मिनट तक