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Chaitra Navratri 1st Day 2022: नवरात्रि का पहला दिन आज, ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और मंत्र

Chaitra Navratri 1st Day 2022: इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल यानी आज शनिवार से शुरू हो गई है जो 11 अप्रैल को रामनवमी के साथ समाप्त हो जाएगी। आज ही कलश स्थापना की जाएगी। जो लोग पहली बार नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं उन्हें बता दें, पहले दिन यानी आज मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) की पूजा की जा रही है।

नई दिल्ली। हिंदु धर्म में वैसे तो हर त्योहार को ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बात अगर नवरात्रि के त्योहार की करें तो इस त्योहार में भी बाजारों में रौनक देखने को मिलती है। लोग धूम-धाम के साथ इस त्योहार को मनाते हैं। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो पूरे साल भर में 4 नवरात्रे आते हैं लेकिन इनमें से दो नवरात्रियों का ज्यादा महत्व होता है। कहते हैं जो लोग नवरात्रि में मां की पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें देवी दुर्गा की खास कृपा मिलती है। ऐसे में लोगों को देवी मां को प्रसन्न करने के लिए सच्चे मन से उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल यानी आज शनिवार से शुरू हो गई है जो 11 अप्रैल को रामनवमी के साथ समाप्त हो जाएगी। आज ही कलश स्थापना की जाएगी। जो लोग पहली बार नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं उन्हें बता दें, पहले दिन यानी आज मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) की पूजा की जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा।

सफेद कनेर के फूल बेहद प्रिय

मां शैलपुत्री को सफेद कनेर के फूल बेहद प्रिय हैं। ऐसे में पूजा करते समय सफेद कनेर के फूलों की माला मां को पहनानी चाहिए। मां के स्वरूप की बात करें तो मां के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल है। मां वृषभ पर विराजमान हैं, जो पूरे हिमालय पर राज करती है।

मां शैलपुत्री मंत्र

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

2 अप्रैल यानी आज ही कलश स्थापना की जाएगी। इस दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 22 मिनट से सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। अगर आप इसी शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करते हैं तो आपको इससे शुभ परिणाम मिलते हैं।

क्या है पूजा विधि

इस दिन आपको सबसे पहले जल्दी उठकर स्नान आदि करना चाहिए।

अब साफ कपड़ों को धारण करें।

अब घर में बने मंदिर को अच्छे से साफ कर लें।

अब मां शैलपुत्री को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प अर्पित करें।

आपको मां शैलपुत्री के मंत्रों का जप भी करना चाहिए।

मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं।

अब मां की आरती करें और प्रसाद अर्पित करें।