नई दिल्ली। इस साल उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) 30 नवंबर को पड़ रही है। हिंदू धर्म में इस एकादशी का काफी महत्व है। वैसे तो हर एकादशी का अपना महत्व होता है। लेकिन ये मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है। जो सच्चे मन से इसे मनाता है भगवान विष्णु की उनपर कृपा बनी रहती है।
एकादशी का शुभ मुहूर्त
एकादशी प्रारम्भ- 30 नवंबर सुबह 4 बजकर 14 मिनट से शुरू
एकादशी तिथि समाप्त- 30 नवंबर रात 2 बजकर 13 मिनट तक
पारण तिथि हरि वासर समाप्ति: 1 दिसंबर सुबह 7 बजकर 34 मिनट
उत्पन्ना एकादशी का महत्व
एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना गया है। इन सभी में उत्पन्ना एकादशी का अपना अलग ही महत्व है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दिन उनकी पूजा विधि विधान से की जाती है। इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी इसलिए पड़ा क्योंकि इस दिन देवी एकादशी उत्पन्न हुई थी। यह बात बहुत ही कम लोग जानते हैं लेकिन यह देवी भगवान विष्णु द्वारा उत्पन्न हुई थीं, इसलिए उनका नाम उत्पन्ना पड़ा था। तभी से एकादशी व्रत शुरु हुआ था। इस एकादशी के पीछे एक पौराणिक कथा बताई गई है, जिसे व्रत के बाद पढ़ने से ही व्रत पूर्ण माना जाता है।