Vivah Panchami 2022: 28 नवंबर को विवाह पंचमी का त्योहार, जानें क्यों इस दिन नहीं होते मांगलिक कार्य?
Vivah Panchami 2022: इस दिन राम और सीता भगवान की पूजा-अर्चना करता है उनके दांपत्य जीवन में खुशियां आती है और उनके जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कुंवारी लड़कियां अच्छे वर के लिए इस व्रत को करती है। हालांकि, ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य करना मना होता है।
नई दिल्ली। विवाह पंचमी हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ती है। इस साल यह 27 नवंबर 2022 को मनाई जा रही है। यह त्योहार हिंदुओं के लिए बहुत खास है, क्योंकि इस पावन तिथि पर भगवान राम और माता सीता की शादी हुई थी। कहते है जो इस दिन राम और सीता भगवान की पूजा-अर्चना करता है उनके दांपत्य जीवन में खुशियां आती है और उनके जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कुंवारी लड़कियां अच्छे वर के लिए इस व्रत को करती है। हालांकि, ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य करना मना होता है। तो चलिए हम आपको बताते है ऐसा क्यों-
मांगलिक कार्य क्यों नहीं होता है?
भगवान राम और माता सीता की जोड़ी को आदर्श जोड़ी का दर्जा दिया गया है। विवाह पंचमी के दिन राम जी ने मां सीता को अपनी जीवन संगनी बनाया था, इस दिन ही इनसे शादी की थी। लेकिन जब माता सीता ने भगवान राम से शादी की तब उनका जीवन काफी कष्टों से भरा रहा था। उनको काफी परिक्षाओं का सामना करना पड़ा था। माता सीता को शादी के बाद ही अत्यधिक पीड़ा झेलनी पड़ी। इस लिए सब का मानना है कि इस दिन शादी करने से उनकी बेटी को भी यही दुख झेलने पड़ सकते है इसलिए मां-बाप इस दिन शादी करने से बचते है।
सीता जी ने दी अग्नि परीक्षा
माता सीता अपने घर में राजकुमारी जैसी जिंदगी जी रही थी लेकिन जब उनकी मर्यादा पुरुर्षोत्तम भगवान राम से शादी हुई तब उन्हें काफी दुखों का सामना करना पड़ा। शादी के बाद उन्हें 14 वर्ष का वनवास मिल गया इसके बाद इनका लंकापति ने अपहरण कर लिया। फिर इन्हें अग्नि परीक्षा देनी पड़ी इसके बाद इन्होंने अपने बच्चे लव कुश की परवरिश महर्षि वाल्मीकि की कुटिया में की। उनके जीवन में इतना दुख देखने के बाद ही हर कोई इस दिन शादी कराने से डरता है।