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Vishwakarma pooja 2022: कब मनाई जाएगी विश्वकर्मा जयंती?, जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त

Vishwakarma pooja 2022: सूर्यदेव भगवान विश्वकर्मा के दामाद हैं। उन्होंने ही सूर्यदेव की किरणों को आकार प्रदान किया था। ऐसे में सूर्यदेव की पूजा करना बहुत उत्तम और फलदायी होता है। विश्वकर्मा भगवान देवताओं के अस्त्र-शस्त्र आदि के निर्माता हैं। इस दिन कारखानों, ऑफिस और उद्योगों में लगी हुई मशीनों आदि की पूजा की जाती है।

नई दिल्ली। देश में करीब तैंतीस करोड़ देवों की पूजा की जाती है। वैसे तो भगवान की पूजा के लिए किसी विशेष दिन की आवश्यकता नहीं होती बस मन से उन्हें याद करना ही काफी होता है, लेकिन फिर भी हर देव का कोई न कोई दिन निर्धारित है। इन्हीं देवों में से एक भगवान विश्वकर्मा की जयंती इसी सप्ताह मनाई जाएगी। विश्वकर्मा जयंती हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है, इस बार ये  17 सितंबर को पड़ रही है। ऐसी मान्यता है कि सूर्यदेव भगवान विश्वकर्मा के दामाद हैं। उन्होंने ही सूर्यदेव की किरणों को आकार प्रदान किया था। ऐसे में सूर्यदेव की पूजा करना बहुत उत्तम और फलदायी होता है। विश्वकर्मा भगवान देवताओं के अस्त्र-शस्त्र आदि के निर्माता हैं। इस दिन कारखानों, ऑफिस और उद्योगों में लगी हुई मशीनों आदि की पूजा की जाती है।

शुभ-मुहूर्त

विश्वकर्मा पूजा के दिन कई अन्य संयोग भी बन रहे हैं। 17 सितंबर शनिवार को चंद्रमा वृष राशि में मौजूद होंगे। रोहिणी नक्षत्र 17 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। वहीं, संक्रांति का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक बना रहेगा। राहुकाल 17 सितंबर के दिन 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। विश्वकर्मा पूजा चौघड़िया का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 38 से 9 बजकर 11 तक रहेगा। वहीं, चल चौघड़िया दोपहर 12 बजकर 15 से 1 बजकर 47 तक और लाभ चौघड़िया दोपहर 1 बजकर 47 से 3 बजकर 20 मिनट तक रहेगी।

वाहन की पूजा का शुभ-मुहूर्त

वाहन आदि का कारोबार करने वाले लोग 12 बजकर 15 मिनट से 1 बजकर 46 मिनट तक विश्वकर्मा पूजा कर सकेंगे। कल-कारखाने में विश्वकर्मा पूजा का शुभ समय दोपहर 12 बजे से 1 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।