नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में मास्क और हैंड सैनेटाइजर की अहम भूमिका है। हैंड सैनेटाइजर की मांग में एकदम इजाफा होगा। इसलिए, सरकार ने बड़ी संख्या में कंपनियों को हैंड सैनेटाइजर बनाने के लाइसेंस जारी किए हैं।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के मुताबिक हैंड सैनेटाइजर और मास्क को आवश्यक वस्तु अधिनियम का दायरे में लाने के निर्णय के बाद करीब साढ़े सात सौ कंपनियों को हैंड सैनेटाइजर बनाने के लिए लाइसेंस जारी किए हैं ताकि सैनेटाइजर की मांग और आपूर्ति में संतुलन के साथ कीमतों पर अंकुश रखा जा सके।
देश में सबसे अधिक हैंड सैनेटाइजर की कंपनियां हिमाचल प्रदेश में हैं। हिमाचल प्रदेश की 160 कंपनियों को सैनेटाइजर बनाने का लाइसेंस दिया गया है। इसमें सबसे ज्यादा सोलन में स्थित हैं। इसके बाद गुजरात का नंबर है। गुजरात में करीब सौ कंपनिया हैंड सैनेटाइजर बना रही हैं। सैनेटाइजर बनाने में उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर है।
मंत्रालय ने इन कंपनियों की हैंड सैनेटाइजर बनाने की प्रतिदिन क्षमता के साथ दस मई तक सप्लाई किए गए सैनिटाइजर की जानकारी भी साझा की है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे हैंड सैनेटाइजर की प्रतिदिन के उत्पादन पर नजर रखने में आसानी होती है ताकि मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाए रखा जा सके।
विभाग ने पूरे देश में हैंड सैनेटाइजर बनाने वाली कंपनियों की सूची भी जारी की है। इसके मुताबिक पूरे देश में 732 कंपनियां हैंड सैनिटाइजर बना रही हैं। इन कंपनियों को हैंड सैनेटाइर बनाने के लिए विभाग ने 25 मार्च से लेकर अप्रैल के मध्य तक लाइसेंस जारी किए हैं। हालांकि, कई कंपनियों के पास पहले से भी लाइसेंस था।