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Propaganda: अमेरिकी अखबार WSJ में भारत के खिलाफ छपा दुष्प्रचार वाला विज्ञापन, निवेश न करने की कही बात, प्रतिबंध भी लगाने की मांग

Propaganda: बता दें कि अमेरिकी अखबार और खासकर वॉल स्ट्रीट जर्नल और न्यूयॉर्क टाइम्स पिछले कुछ साल से लगातार मोदी सरकार के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। इन अखबारों में मोदी विरोधियों की खबरों और उनके लेखों को तरजीह दी जाती है। मोदी विरोधी और खुद को पत्रकार बताने वाली राणा अयूब को भी अमेरिका का ये अखबार काफी प्रचार का मौका देता है।

वॉशिंगटन। मोदी सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जहर उगलने का काम तो चलता ही रहता है। इस कड़ी में अब अमेरिका के अखबार Wall Street Journal के पहले पन्ने पर एक विज्ञापन दिया गया है। एक संगठन की तरफ से दिए गए पूरे पन्ने के इस विज्ञापन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत 14 लोगों के नाम दिए गए हैं। इस विज्ञापन में दावा किया गया है कि ये लोग भारत की संवैधानिक संस्थाओं को राजनीतिक और उद्योग जगत के विरोधियों के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। विज्ञापन में निवेशकों से कहा गया है कि वे भारत से दूरी बना लें। वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपे विज्ञापन में ये भी लिखा है कि संगठन ने ‘ग्लोबल मैगनिट्स्की ह्यूमन राइट्स अकाउंटिबिलिटी एक्ट’ के तहत अमेरिका की सरकार से भारत पर आर्थिक और वीजा मामलों में प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसमें ये भी दुष्प्रचार किया गया है कि मोदी सरकार के दौर में भारत में निवेश करना खतरनाक हो गया है। इसमें ये भी लिखा है कि अगर आप निवेशक हैं, तो आप भी इसका शिकार हो सकते हैं। इस विज्ञापन का ऐसे वक्त आना खास है, क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अभी अमेरिका में ही हैं।

बता दें कि अमेरिकी अखबार और खासकर वॉल स्ट्रीट जर्नल और न्यूयॉर्क टाइम्स पिछले कुछ साल से लगातार मोदी सरकार के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। इन अखबारों में मोदी विरोधियों की खबरों और उनके लेखों को तरजीह दी जाती है। मोदी विरोधी और खुद को पत्रकार बताने वाली राणा अयूब को भी अमेरिका का ये अखबार काफी प्रचार का मौका देता है। मोदी विरोधी प्रचार में पिछले कुछ साल से अमेरिकी अखबार काफी आगे चल रहे हैं।

हालांकि, पहली बार इस तरह का पूरे पेज का विज्ञापन देकर मोदी सरकार के दौर में भारत में निवेश न करने की बात कही गई है। ये विज्ञापन ऐसे वक्त भी आया है, जब भारत ने बीते दिनों ही ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल किया है। साथ ही तमाम वित्तीय संस्थानों ने कहा है कि दुनिया में मंदी की छाया के बीच भारत की अर्थव्यवस्था 6.1 फीसदी की दर से सभी देशों में सबसे तेज विकास करने वाली है।