Annual Information Statement (AIS): वार्षिक सूचना विवरण के लॉन्च से खौफ में ‘टैक्स चोर’,अब ऐसे होगा काले धन पर वार
Annual Information Statement (AIS):खैर, वो सारी बातें तो ठीक है, लेकिन क्या आपको पता है कि वार्षिक सूचना विवरण से कालेधन वाले क्यों खौफ में आ गए हैं। कालाधन रखने वाले लोगों के रातों क नींद उड़ चुकी है। कल तक बेहद ही शौक से कालाधन रखने वाले लोगों के लिए वार्षिक सूचना विवरण किसी विलन से कम नहीं है।
नई दिल्ली। कालाधान (Black Money) एक ऐसा विषय है, जिस पर सियायी से लेकर आर्थिक गलियारों में बहस का सिलसिला जारी रहा है। ये कभी चुनावी मुद्दा बना, तो कभी सत्तारूढ दल के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए विपक्षी दलों का हथियार, लेकिन अफसोस की बात ये रही कि आजादी के सात दशकों के बाद भी आज तक कालेधन के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई करने की मंशा धरातल पर जींवत होती नहीं दिखी। जिसका नतीजा यह हुआ कि कालेधन का दिमक देश की अर्थव्यवस्था को खाता गया और हमारे रहनुमा खामोश बनें रहें, लेकिन अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ( Central Board of Direct Taxes) की तरफ से एक ऐसा कदम उठाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप कालेधन की नौका पर सवार होकर अपने काले कारोबारों को फलीभूत करने वाले लोग अब खौफ में आ गए हैं। आइए, इस रिपोर्ट में तफसील से जानते हैं कि आखिर वार्षिक सूचना विवरण (Annual Information Statement) क्या है और यह कैसे कालेधन के शौकिन लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है।
क्या होता है वार्षिक सूचना विवरण? (Annual Information Statement, AIS)
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा शुरू की गई वार्षिक सूचना विवरण (Annual Information statement) वह टूल है, जिसके जरिए करदाताओं द्वारा अर्जित किए गए आय के स्रोत व आय में कटौती किए गए कर के स्रोतों के बारे में समस्त जानकारी उपलब्ध होगी। कर विभाग ने करदाताओं के विभिन्न आय के स्रोतों व आय में किए जाने वाले कर के रूप में कटौती के स्रोतों की जानकारी प्राप्त करने के ध्येय से इस वार्षिक सूचना विवरण को लॉन्च किया है, ताकि कर विभाग के पास देश के प्रत्येक करदाताओं द्वारा अर्जित आय के स्रोत व कर के स्रोतों के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सकें। हालांकि, इससे पूर्व भी सरकार की तरफ से कई टूल लॉन्च किए गए जो इस दिशा में उपयोगी साबित हुए हैं, लेकिन करदाताओं के बढ़ते पैमाने को ध्यान में रखते मौजूदा सरकारी संसाधन इस काम में नाकाफी साबित हो रहे हैं जिसे ध्यान में रखते हुए अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा वार्षिक सूचना विवरण लॉन्च किया गया है।
अब कालेधन वालों की खैर नहीं..! ( Black money holders will not be spared)
खैर, वो सारी बातें तो ठीक है, लेकिन क्या आपको पता है कि वार्षिक सूचना विवरण से कालेधन वाले क्यों खौफ में आ गए हैं। कालाधन रखने वाले लोगों के रातों क नींद उड़ चुकी है। कल तक बेहद ही शौक से कालाधन रखने वाले लोगों के लिए वार्षिक सूचना विवरण किसी विलन से कम नहीं है। दरअसल, जैसा कि आपको पता ही है कि कालाधन रखने वालों को कर जमा करने से परहेज होता है। आर्थिक चश्मे से देखे तो वो धन जिस पर सरकार को कर ने अदा किया गया हो, वो ही कालेधन की श्रेणी में शामिल हो जाता है। तो बस फिर क्या…यहीं से दिखाना शुरू करेगा वार्षिक सूचना विवरण अपना कमाल…वार्षिक सूचना विवरण करदाताओं द्वारा कर संग्रहण की जानकारी संग्रहित करने के साथ-साथ उन सभी करदाताओं की जानकारी जुटाएगा जिन्होंने अपने कमाएं धन पर कर देने से गुरेज किया है। वार्षिक सूचना विवरण अपनी कृत्रिम बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए कर चोरी करने वाले सभी करदाताओं की तलाश कर कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की रूपरेखा तैयार कर उसे जींवत कर दिखाएग, लेकिन ध्यान रहे कि AIS से समय पर कर अदा करने वाले लोगों को कतई घबराने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा कर विभाग नकद लेने की गतिविधियों की जानकारी भी जुटाएगा।
वहीं, Amazon और Flipcart जैसे ऑनलाइन वेंडर को बिना पैन कार्ड वाले ग्राहकों संग किए गए नकद लेन देने की जानकारी कर विभाग को उपलब्ध करानी होगी। इससे ग्राहकों के पते और नाम के आधार पर नकद में किए गए लेन देन को चिन्हित कर आपके पैन में ट्रैक कर उसे AIS को उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे प्रत्येक वित्तीय गतिविधियों की पारदर्शियता में इजाफा होगा। इससे बिना कर अदा कर धन संग्रहक की भूमिका निभाने वाले लोगों पर गाज गिरेगी। इससे बाध्य होकर उन्हें अपनी भूमिका बदलनी होगी अन्यथा खुद को मुसीबत में डाल लेंगे। इसके अलावा आगामी वित्तीय वर्ष में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा शुरू किए गए AIS के बाद 26 AS को बंद कर दिया जाएगा चूंकि AIS में संल्पित हैं। वहीं, कर विभाग द्वारा शुरू की गई अत्याधुनिक प्रणाली से कर चोरी करने वालों का खौफजदा होना लाजिमी है।