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Crypto: संसद में इस बार आएगा क्रिप्टोकरेंसी पर बिल, कानून पर स्थिति साफ न होने से निवेशक घबराए

संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाया जाना है। मोदी सरकार इस आभासी मुद्रा की खरीद-बिक्री को नियमित करना चाहती है। कहा ये जा रहा है कि बिल में क्रिप्टोकरेंसी को बैन किया जाएगा। फिर भी अभी बिल के प्रावधानों पर स्थिति साफ नहीं है। ऐसे में क्रिप्टो में निवेश करने वाले घबराए हुए हैं।

नई दिल्ली। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाया जाना है। मोदी सरकार इस आभासी मुद्रा की खरीद-बिक्री को नियमित करना चाहती है। कहा ये जा रहा है कि बिल में क्रिप्टोकरेंसी को बैन किया जाएगा। फिर भी अभी बिल के प्रावधानों पर स्थिति साफ नहीं है। ऐसे में क्रिप्टो में निवेश करने वाले घबराए हुए हैं। बिल लाने के मोदी सरकार के एलान के बाद से क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में बड़ी गिरावट भी देखी जा रही है। बता दें कि वित्त सचिव सोमनाथन ने बीते दिनों कहा था कि किसी भी सूरत में क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर नहीं माना जा सकता। सोमनाथन के इस बयान से लगता यही है कि सरकार बिल लाकर क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन को बैन कर सकती है। सोमनाथन ने ये भी साफ कर दिया कि बिल को तैयार किया जा रहा है। इस बिल के कानून बनने के बाद रिजर्व बैंक भी अपनी डिजिटल करेंसी लेकर आएगा।

डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोजेक्ट छोटे स्तर पर जनवरी में देश में शुरू किया जा सकता है। लोगों का कहना है कि इसे बाद में पूरी तरह लागू करके वॉलेट तैयार कराए जाएंगे और नोटों का चलन बंद हो जाएगा। सरकार या रिजर्व बैंक ने अब तक इस आशंका के बारे में खुलकर कुछ भी नहीं कहा है। बता दें कि भारत के पड़ोस में सिर्फ चीन ही डिजिटल करेंसी लेकर आया है।

क्रिप्टोकरेंसी की बात करें, तो भारत में करीब 8 करोड़ लोगों ने इसमें निवेश कर रखा है। बिटकॉइन, इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में ज्यादा निवेश हुआ है। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बीते दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि कानून बनने के बाद शायद ही सारी क्रिप्टोकरेंसी बची रहें। उन्होंने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी काफी खतरनाक है और निवेशकों को इससे बड़ी चपत भी लग सकती है।