मुंबई। जीएसटी के मुंबई पूर्वी कमिश्नरेट ने क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन करवाने वाले वजीर एक्स Wazirx एक्सचेंज की ओर से लंबे वक्त से की गई करोड़ों की टैक्स चोरी का खुलासा करते हुए ब्याज और पेनाल्टी लगाई है। इस चोरी का खुलासा विभाग ने गुरुवार को किया। जीएसटी कमिश्नरेट के मुताबिक वजीर एक्स ने 40.5 करोड़ की जीएसटी चोरी की थी। इस मामले में उससे पेनाल्टी और ब्याज के तौर पर 49.2 करोड़ की वसूली की गई है। विभाग की ओर से बताया गया है कि जनमानी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी वजीर एक्स के क्रिप्टोकरेंसी का काम देखती है। वजीर एक्स प्लेटफॉर्म और डब्ल्यूआरएक्स क्वॉइन्स की मालिक सेशेल्स की बिनांस इन्वेस्टमेंट कंपनी है। क्रिप्टोकरेंसी में भारतीय मुद्रा और डब्ल्यूआरएक्स क्वॉइंस के जरिए ट्रेडिंग की जाती है।
जीएसटी कमिश्नरेट के मुताबिक कंपनी ने क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने वालों से कमीशन भी लिया। भारतीय मुद्रा में ये कमीशन कुल लेन-देन का 0.2 फीसदी था। इसपर जीएसटी भी ली गई। जबकि, क्रिप्टोकरेंसी बेचने वालों से कंपनी ने 0.1 फीसदी कमीशन लिया, लेकिन जीएसटी नहीं ली। डब्ल्यूआरएक्स क्वॉइन्स के जरिए लेन-देन करने वालों से भी जीएसटी लिया गया। जांच के बाद कंपनी ने 29 और 30 दिसंबर को जानकारी दी कि जीएसटी और पेनाल्टी भरी जा रही है। ये सारा टैक्स मार्च 2020 से नवंबर 2021 तक का है।
Officers of CGST Mumbai East comm’te have detected GST Evasion of Rs 40.5 Cr. on commission of Wazir X Crypto Currency & recovered Rs 49.2 Cr. in cash as GST, interest & Penalty today on 30.12.2021 from Zanmai Labs Pvt. Ltd. @nsitharamanoffc @mppchaudhary @cbic_india @PIBMumbai
— CGST Mumbai Zone (@cgstmumbaizone) December 30, 2021
जीएसटी कमिश्नरेट के मुताबिक वजीर एक्स से जीएसटी के तौर पर 405103412 रुपए, ब्याज के तौर पर 25934207 रुपए और पेनाल्टी के तौर पर 60765512 रुपए वसूले गए हैं। इस मामले की जांच अभी जारी है। बता दें कि पीएम मोदी तक क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर चिंता जता चुके हैं। मोदी ने कहा था कि इसके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है और खासकर युवा वर्ग को इसमें लेन-देन से नुकसान हो सकता है। उनकी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी के नियमन पर बिल भी लाने जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बहरहाल, ये साबित हो गया कि वजीर एक्स ने टैक्स चोरी से करोड़ों रुपए इकट्ठा कर लिए थे।