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आर्थिक मोर्चे पर चीन को एक और झटका, देखिए वित्त मंत्रालय ने किस तरह के निवेश पर लगाई पाबंदी

इस कड़ी में चीन को सबक सिखाने के लिए वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को चीन समेत भारत की सीमा से लगे किसी भी देश से पेंशन कोष में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है।

नई दिल्ली। भारत-चीन सेना के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव जारी है। वहीं सीमा विवाद के बाद भारत सरकार चीन को कड़ा सबक सिखाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। चीन की नापाक हरकत का जवाब देने के लिए सैन्य और कूटनीतिक विकल्पों के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी कई कदम उठाए जा रहे हैं।

PM Modi and jinping

इस कड़ी में चीन को सबक सिखाने के लिए वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को चीन समेत भारत की सीमा से लगे किसी भी देश से पेंशन कोष में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण के नियमन के तहत पेंशन कोष में स्वत: मार्ग से 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है।

india china flag

इस संदर्भ में जारी अधिसूचना के मसौदे के अनुसार चीन समेत भारत की सीमा से लगने वाले किसी भी देश की किसी भी निवेश इकाई या व्यक्ति के निवेश के लिये सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी। समय-समय पर जारी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति का संबंधित प्रावधान ऐसे मामलों पर लागू होगा।

इस पर संबंधित पक्षों से टिप्पणियां मांगी गयी है। इन देशों से कोई भी विदेशी निवेश सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा। भारत सरकार की अधिसूचना जारी होने की तारीख से यह प्रतिबंध लागू होगा।

भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्रालय ने यह प्रस्ताव किया है। प्रस्तावित बदलाव औद्योगिक संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अप्रैल में जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप है। फिलहाल, केवल बांग्लादेश और पाकिस्तान से होने वाले निवेश को लेकर ही सरकारी मंजूरी की जरूरत का प्रावधान है।

आपको बता दें कि लद्दाख स्थित गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत 20 भारतीय जवानों की शहीद हो गए। जिसके बाद चीन को लेकर देशभर में गुस्से का मौहाल है।