नई दिल्ली। ज्यादातर लोग अक्सर ऐसी नौकरियों की तलाश में रहते हैं जहां पर उन्हें पीएफ और ईएसआई जैसी सुविधाएं मिल सके। लोग इसमें ना केवल निवेश करते हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर पैसा भी आसानी से निकाल सकते हैं। ईपीएफओ की ओर से शादी, पढ़ाई, मेडिकल कॉलेज के लिए पीएफ अकाउंट से पैसे निकालने का ऑप्शन मिलता है। दरअसल, पीएफ अकाउंट से पैसा निकालने के नियमों में कुछ बदलाव या फिर कहे तो कुछ सुविधाएं जोड़ी गई है। ईपीएफओ की ओर से अकाउंट होल्डर्स को एक सुविधा दी गई है जिसके अनुसार मेंबर्स अब किसी भी मेडिकल इमरजेंसी की हालत में तुरंत 1 लाख रूपए तक का एडवांस ले सकते हैं, जिससे उन्हें जरूरत के समय ही पैसे मिल सकते हैं।
खास बात यह है कि यहां आपको किसी भी कोलेट्रल या गारंटी की जरूरत नहीं पड़ेगी। 1 जून को ईपीएफओ की और से एक सर्कुलर सर्कुलर जारी किया गया था जिसमें यह कहा गया है कि कोरोना वायरस समेत किसी भी जीवन को खतरे में डालने वाली बीमारी के लिए 1 लाख रूपए तक की मेडिकल एडवांस की सुविधा लोगों को दी जा सकती है। तो चलिए आपको बताते हैं कौन सी है यह परिस्थितियां जिसमें आपको तुरंत 1 लाख रूपए मिल सकते हैं।
कौन ले सकते हैं पैसे
ईपीएफओ ने की ओर से मेडिकल इमरजेंसी के लिए खाते से एडवांस निकालने की इजाजत दी है जिसके अनुसार पैसे निकालने की इजाजत मेडिकल खर्चों के मुताबिक उसके आधार पर या फिर मेडिकल बिल्स के रीइंबर्समेंट के लिए ही मिल सकती है। यहां पर खास बात यह है कि मेडिकल इमरजेंसी के लिए मिलने वाले 1 लाख रूपए की एडवांस के लिए आपको किसी भी बिल या फिर कॉस्ट प्रोजेक्शन दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप केवल एक एप्लीकेशन के जरिए ही यह 1 लाख रूपए निकाल सकते हैं और अगर आप हॉस्पिटल में एडमिट है तो आपका यह काम कोई और भी कर सकता है।
कितने दिनों में मिलते हैं यह पैसे
हॉस्पिटल में एडमिट होने पर आपके परिवार का कोई भी सदस्य यह एप्लीकेशन दे सकता है। इसके बाद कुछ ही घंटों में आपको पैसे मिल जाएंगे। अगर उस दिन विक डे हो तो ऐसा माना जाता है उस दिन ही मरीज के घर वालों को पैसे मिल जाते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि आपको किसी अन्य परिस्थिति के कारण अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होना पड़ता है तो ऐसे वक्त में भी यह पैसा आपके काम आ सकता है।
कैसे मिल जाते हैं यह पैसे
जब कोई अकाउंट होल्डर अस्पताल में भर्ती है तभी उसको यह पैसे मिलते हैं। इस 1 लाख रूपए के एडवांस को क्लेम करने के लिए शख्स को किसी सरकारी या फिर किसी केंद्र की हेल्थ स्कीम के पैनल में मौजूद हॉस्पिटल में भर्ती होना जरूरी है। प्राइवेट हॉस्पिटल में अगर कोई व्यक्ति एडमिट है तो जांच के बाद पैसे दिए जाते हैं। इसके बाद मरीज के घरवालों को रिक्वेस्ट लेटर देना होता है। जिसमें मरीज का बेड नंबर, प्रिसक्रिप्शन जैसी जानकारी लिखी होती है। इसमें एस्टिमेट के बारे में सूचना नहीं देनी होती है। इन पैसों के लिए लंबे प्रोसेस का सामना भी नहीं करना पड़ता है। ऐसे में यह सुविधा उन लोगों के लिए बहुत ही बेहतर हैं जो की ईपीएफओ के अकाउंट होल्डर हैं।