GST Collection: दीवाली के पहले अर्थव्यवस्था को मिला ‘बूस्टर शॉट’, अक्टूबर में GST का रिकॉर्ड कलेक्शन
GST Collection in October: आपको बता दें कि जीएसटी के लागू होने के बाद से अप्रैल 2021 के बाद ये दूसरा सबसे ज्यादा कलेक्शन है, जो कि केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। इससे पहले सितंबर महीने की बात करें तो, यह 1.17 लाख करोड़ रुपये पर रहा था।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच अर्थव्यवस्था के मोर्चे से एक अच्छी खबर आई है। अक्टूबर महीने में जीएसटी के मोर्चे से सरकार के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। दीवाली के पहले अर्थव्यवस्था को बूस्टर शॉट मिला है। दरअसल अक्टूबर महीने में GST कलेक्शन 1,30,127 लाख करोड़ रुपये रहा है। इसकी जानकारी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया के जरिए दी है। आपको बता दें कि जीएसटी के लागू होने के बाद से अप्रैल 2021 के बाद ये दूसरा सबसे ज्यादा कलेक्शन है, जो कि केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। इससे पहले सितंबर महीने की बात करें तो, यह 1.17 लाख करोड़ रुपये पर रहा था।
अक्टूबर में GST का रिकॉर्ड कलेक्शन
जीएसटी में हुए इस शानदार कलेक्शन का एक मुख्य कारण ये भी है कि त्योहार के सीजन में लोग जबरदस्त शॉपिंग कर रहे हैं। जिसका नतीजा ये है कि डिमांड में आई तेजी का असर जीएसटी कलेक्शन पर देखा जा रहा है। बता दें कि अक्टूबर में जीएसटी का कलेक्शन 1,30,127 लाख करोड़ का रहा है। इसके अलावा CGST कलेक्शन 23,861 करोड़ रुपये, GST कलेक्शन 30,421 करोड़ रुपये रहा है। वहीं IGST क्लेक्शन 67,361करोड़ रुपये रहा है ( जिसमें 32,998 करोड़ रुपये सामानों के आयात पर) और सेस के तौर पर 8484 करोड़ रुपये वसूला गया है।
GST collection for October 2021 registered the second highest since implementation of GST
₹ 1,30,127 crore gross GST revenue collected in OctoberRevenues…of October 2021 are 24% higher than the GST revenues in the same month last year& 36% over‘19-20
https://t.co/O8CDBdTbx6— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) November 1, 2021
GST कलेक्शन बढ़ने से क्या होगा?
कोरोना के बाद बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था में नई रफ्तार भरने की दिशा में सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है, लेकिन इस बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने अर्थव्यवस्था को संवारने वाले लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं। बता दें कि राजकोषीय घाटा घटने से सरकार पर कर्ज और ब्याज अदायगी का बोझ कम हुआ है। इसके लिए सरकार राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए सब्सिडी और बाकी खर्च को कटौती भी करती हैं। अपनी इसी मंशा को जमीन पर उतारने के लिए सरकार हर साल बजट में राजकोषीय घाटे में का लक्ष्य तय करता है।
अब जीएसटी कलेक्शन बढ़ने से सरकार के लिए इसके टार्गेट को हासिल करना भी आसान हो जाएगा। इससे ज्यादा संख्या में विदेशी निवेशक भी भारत के शेयर बाजार में पैसा लगाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आना लाजिमी है।