न्यूयॉर्क। ये खबर भारत और पीएम नरेंद्र मोदी का विरोध करने वालों के चेहरे पर झन्नाटेदार तमाचे जैसी है। खासकर उन लोगों के लिए ये तमाचा है, जो मोदी की आर्थिक नीतियों पर लगातार उंगली उठाते हुए रोज ट्वीट करते हैं। खबर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF से आई है। आईएमएफ ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कई देशों की विकास दर का अनुमान लगाया है। इस अनुमान के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में भारत की विकास दर 8.2 फीसदी रह सकती है। ये खबर खास इसलिए है क्योंकि आईएमएफ के मुताबिक भारत की विकास दर अमेरिका और चीन से भी ज्यादा होगी। वहीं, कई देशों की विकास दर को उसने नकारात्मक आंका है।
आईएमएफ के मुताबिक कोरोना महामारी और यूक्रेन पर रूस के हमले से अमेरिका के विकास में बाधा पड़ने वाली है। उसके मुताबिक चीन के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था लगभग दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ेगी। अमेरिका के ग्रोथ रेट को आईएमएफ ने 3.7 फीसदी और चीन के ग्रोथ रेट को 4.4 फीसदी पर रखा है। यूरोपीय देशों के लिए औसत विकास दर को 2.8 से 3.9 फीसदी रखा गया है। इन अनुमान की खास बात ये भी है कि आर्थिक विकास में अब एशिया का दबदबा दिख रहा है। चीन को अमेरिका को पछाड़ते हुए दिखाया गया है। हालांकि, चीन में फिलहाल कोरोना बड़े पैमाने पर फैला है और उसकी आर्थिक राजधानी शंघाई पूरी तरह लॉकडाउन है।
आईएमएफ की तरफ से जारी किए गए ताजा अनुमान इसलिए भी खास है, क्योंकि कोरोना काल में भी चीन की आर्थिक बढ़ोतरी कई देशों के मुकाबले ज्यादा हुई है। अमेरिका की बात करें, तो वहां कोरोना से दुनियाभर में सबसे ज्यादा लोगों की जान गई है। साथ ही लाखों लोगों को नौकरियों से भी हाथ धोना पड़ा है। इस वजह से भी आईएमएफ ने अमेरिका की विकास दर का अनुमान काफी कम रखा है। कुल मिलाकर अब अमेरिका आर्थिक ताकत में सबसे बड़े मुल्क का दर्जा खोता दिख रहा है और भारत सबसे आगे चलता हुआ नजर आ रहा है।