US Federal Reserve: आपकी जेब को लग सकता है महंगाई का तगड़ा झटका, अमेरिका में बढ़ी ब्याज दरों ने पैदा की आशंका
अमेरिका में ब्याज दर बढ़ाए जाने के संकेत मिलने पर भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने भी दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। महंगाई बढ़ने की आशंका इस वजह से है, क्योंकि ब्याज दरें बढ़ने पर अमेरिका और भारत के बीच जो बांड हुए हैं, उनका अंतर कम होता है।
वॉशिंगटन। आपकी और हमारी जेब पर महंगाई का एक और वार झेलने के लिए तैयार रहिए। इसकी वजह अमेरिका में लिया गया एक फैसला है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 28 साल बाद सबसे बड़ी बढ़ोतरी की है। ब्याज दरों को फेडरल रिजर्व ने 0.75 फीसदी बढ़ा दिया है। अमेरिका में मई में महंगाई की दर 40 साल में सबसे ज्यादा थी। इसे देखते हुए फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में इतनी बढ़ोतरी का फैसला किया। इस फैसले से अमेरिका के शेयर बाजारों में बड़ा उछाल आया है। डाउ जोंस 30550 के स्तर को पार कर गया। एसएंडपी भी 3770 अंक से ऊपर गया। अमेरिकी डॉलर भी मजबूत हुआ है। अब भारत में इसका असर दिखने वाला है। अगर रुपए की कीमत और गिरी, तो महंगाई यहां आम लोगों की कमर तोड़ सकती है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें बढ़ने से रुपए पर संकट गहरा सकता है। ये बात अर्थशास्त्री मान रहे हैं। दरअसल, अमेरिका में फेडरल रिजर्व जब भी ब्याज दर में बदलाव करता है, तो ज्यादातर देश अपने यहां ब्याज दरों को कम या ज्यादा करते हैं। अमेरिका में ब्याज दर बढ़ाए जाने के संकेत मिलने पर भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने भी दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। महंगाई बढ़ने की आशंका इस वजह से है, क्योंकि ब्याज दरें बढ़ने पर अमेरिका और भारत के बीच जो बांड हुए हैं, उनका अंतर कम होता है। इस वजह से निवेशक भी शेयर बाजार में बिकवाली करते हैं और इसका असर रुपए और शेयरों की कीमत पर भी पड़ता है।
अमेरिका में महंगाई पिछले महीने 8.6 फीसदी थी। ब्याज दरें बढ़ने से कर्ज महंगे होते हैं और लोगों की खर्च करने की ताकत गिरती है। मांग घटने से चीजों की कीमत भी गिरने लगती है। साथ ही मुद्रा भी मजबूत होने लगती है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चीफ जेरोम पॉवेल ने ये संकेत भी दिया है कि आगे भी जरूरत पड़ने पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है। जुलाई में ये कदम उठाया जा सकता है।