नई दिल्ली। सड़कों के निर्माण को लेकर को लेकर भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने ठेकों के लिए इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से सियोरिटी बॉन्ड्स पेश करने की व्यवाहरिकता की पड़ताल करने का फैसला किया है। बता दें कि लॉकडाउन के बाद देश में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था के कारण बैंकिंग सेक्टर में कैश फ्लो और नकदी की समस्या को देखते हुए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने बीमा नियामक से जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से सियोरिटी बॉन्ड पेश करने की संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया था।
मंत्रालय के अनुरोध के बाद भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण ने सड़क निर्माण के ठेकों के लिए सियोरिटी बॉन्ड लाने की कानूनी रूपरेखा और बीमा कंपनियों या किसी दूसरे सेक्टर के लिए इनकी उपयुक्तता का अध्ययन करने को 9 सदस्यों वाले कार्यसमूह का गठन कर दिया है। बीमा नियामक ने एक सर्कुलर में बताया है कि नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी के डायरेक्टर जी. श्रीनिवासन की अध्यक्षता में गठित इस कार्यसमूह में सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों और इरडा से सदस्य शामिल किए गए हैं।
फिलहाल भारतीय बाजारों में ठेकेदारों के लिए इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से सियोरिटी बॉन्ड्स जारी नहीं किए जाते हैं। सियोरिटी बॉन्ड एक ठेकेदार के किसी प्रोजेक्ट को संतोषजनक तरीके से पूरा करने और विभिन्न सरकारी एजेंसियों को प्रदर्शन सुरक्षा की गारंटी मुहैया कराता है। वहीं, बीमा का कानूनी या नियामकीय फ्रेमवर्क बॉन्ड के फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट होने के कारण प्रदर्शन की गारंटी देने की अनुमति नहीं देता है। हालांकि, इरडा का कहना है कि बैंक अनुबंध सुरक्षा और प्रदर्शन प्रतिज्ञाओं को पूरा करने के लिए ठेकेदारों को बैंक गारंटी जारी करते रहे हैं।