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लोगों ने माना, बजट से नहीं बढ़ेगा रोजगार, लेकिन सामाजिक क्षेत्र की योजनाएं सराहनीय

सर्वेक्षण में संकेत मिला है कि लोग बेरोजगारी दूर करने के लिए बजट में किए गए प्रयासों से संतुष्ट नहीं हैं। बेरोजगारी इस समय 45 साल के सबसे ऊपर है।

नई दिल्ली। सरकार बजट 2020 को लेकर अपनी पीठ भले ही थपथपा रही है, लेकिन लोगों का मामना है कि इस बजट से रोजगार पैदा नहीं होगा, लेकिन लोगों ने सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं जैसे स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा कॉलेज और देश से टीबी उन्मूलन की सराहना की है।

FM Nirmala Sitharaman

आईएएनएस/सी वोटर द्वारा बजट बाद किए गए सर्वेक्षण में संकेत मिला है कि लोग बेरोजगारी दूर करने के लिए बजट में किए गए प्रयासों से संतुष्ट नहीं हैं। बेरोजगारी इस समय 45 साल के सबसे ऊपर है। सर्वेक्षण के अनुसार मात्र 10.7 प्रतिशत भारतीय सोचते हैं कि ये प्रयास रोजगार को बढ़ावा देंगे, जो कि सरकार के लिए मुसीबत बनी हुई है।

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सांकेतिक तस्वीर

वित्तमंत्री ने टीबी उन्मूलन के लिए 2025 की समय सीमा तय कर दी है, जिसकी लोगों ने सराहना की है। कुल 79.9 प्रतिशत लोग महसूस करते हैं कि यह कारगर होगा और बीमारी पर लगाम लग जाएगा। टीबी के कारण देश में प्रति वर्ष 15 लाख से अधिक मौतें हो जाती हैं और भारत में टीबी के मरीजों की संख्या दुनिया का 28 प्रतिशत है।

स्वच्छ पेयजल प्रदान करने वाली प्रधानमंत्री जल जीवन योजना की भी लोगों ने सराहना की है। कुल 76.5 प्रतिशत लोगों ने इस योजना को सराहा है, जिसके लिए बजट में 3.6 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। हरेक जिले में अस्पतालों के साथ मेडिकल कॉलेज स्थापित करना भी एक बड़ी घोषणा है, जिसे 75.1 प्रतिशत लोग सरकार द्वारा लिया गया एक अच्छा निर्णय मानते हैं।

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इस सर्वेक्षण में आम बजट के बारे में लोगों की राय जानी गई है, जिसमें बजट के विभिन्न बिंदुओं पर कई सारे प्रश्न शामिल किए गए थे। यह सर्वेक्षण वित्तमंत्री निर्मला सीतारणम द्वारा लोकसभा में बजट पेश किए जाने के तत्कानल बाद शनिवार को किया गया, जिसमें देश के सभी क्षेत्रों से 1200 लोगों को शामिल किया गया