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केंद्रीय रिजर्व बैंक लोन EMI पर फिर से दे सकता है छूट, लेकिन क्या ये आपके लिए फायदेमंद है?

अब अगर तीन महीने की छूट का लाभ अगर ग्राहक ना ले और ईएमआई देना जारी रखना चाहता है तो उसे कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। वह पहले की तरह अपनी किस्त दे सकता है और उसे किसी तरह का अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा।

नई दिल्ली। लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है, इसको देखते हुए कुछ दिन पहले माना जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक एक बार फिर लोन EMI पर मिली छूट की अवधि बढ़ा सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक आरबीआई की एक बैठक में इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा हुई है।

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अगर आरबीआई फैसला लेता है ​तो टर्म लोन या क्रेडिट कार्ड की मासिक किस्त देने वाले ग्राहकों को कुल 6 महीने यानी 31 अगस्त तक की राहत मिलेगी। इसका मतलब ये हुआ कि आप कुल 6 महीने तक लोन या क्रेडिट कार्ड की मासिक किस्त (EMI) देने से बच सकते हैं। इसके पहले भी आरबीआई के कहने पर देश के अधिकतर बैंक पहले से ही ग्राहकों को मासिक किस्त पर 3 महीने की छूट दे रहे हैं। यह छूट 1 मार्च से 31 मई यानी 3 महीने तक के लिए दी गई है। ऐसे में इन 3 महीनों में उपभोक्ता अगर मासिक किस्त नहीं देता है तो बैंक उसपर दबाव नहीं बना सकता है और ना ही डिफॉल्टर घोषित हो सकता है। मतलब ये कि आपके क्रेडिट स्कोर पर भी कोई असर नहीं पड़ने वाला है।

RBI

चूंकि लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी गई है तो ऐसे माना जा रहा है कि RBI एक बार फिर से लोन EMI पर मिली छूट की अवधि को बढ़ा सकता है। फिलहाल इसका मतलब ये नहीं कि आपको ईएमआई नहीं भरनी होगी, इन तीन महीनों की EMI आगे भरनी होगी।

अब सवाल आता है कि अगर आप तीन महीने की छूट का लाभ लेते हैं तो वो आपके लिए फायदेमंद है या नहीं तो इसको समझने के लिए मान लीजिए कि किसी ने 6 लाख रुपये का कार लोन ले रखा है और उसे लौटाने के लिए 54 महीने का समय बचा है। इसके अलावा ग्राहक अगर छूट अवधि का विकल्प चुनता है तो उसे 19,000 रुपये करीब अतिरिक्त ब्याज देना होगा, जो 1.5 अतिरिक्त ईएमआई के बराबर है।

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अब अगर तीन महीने की छूट का लाभ अगर ग्राहक ना ले और ईएमआई देना जारी रखना चाहता है तो उसे कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। वह पहले की तरह अपनी किस्त दे सकता है और उसे किसी तरह का अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा।