Revealed: कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर मोदी सरकार का चला डंडा, हकीकत आपको चौंका देगी

आने वाले दिनों में एक-एक कर इन सभी कंपनियों के बारे में जांच को और आगे भी बढ़ाया जाएगा। अब तक की जांच से पता चला है कि क्रिप्टो का लेन-देन कराने वाली कंपनियां सरकारी खजाने को किस तरह झटका दे रही थीं।

Avatar Written by: January 1, 2022 2:48 pm
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नई दिल्ली। मोदी सरकार के हंटर से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों की कलई एक-एक कर खुल रही है। पहले वजीर एक्स के बारे में खुलासा हुआ कि उसने कितना टैक्स चोरी किया था। अब डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस DGGI की जांच में पता चला है कि क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार कराने वाली अन्य सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने भी जमकर जीएसटी चोरी की। इस मामले में कार्रवाई तय की जा रही है। ये जानकारी आज आधिकारिक सूत्रों ने दी है। आने वाले दिनों में एक-एक कर इन सभी कंपनियों के बारे में जांच को और आगे भी बढ़ाया जाएगा। अब तक की जांच से पता चला है कि क्रिप्टो का लेन-देन कराने वाली कंपनियां सरकारी खजाने को किस तरह झटका दे रही थीं।

WazirX

बता दें कि इससे पहले जीएसटी के मुंबई पूर्वी कमिश्नरेट ने क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन करवाने वाले वजीर एक्स Wazirx एक्सचेंज की ओर से लंबे वक्त से की गई करोड़ों की टैक्स चोरी का खुलासा करते हुए ब्याज और पेनाल्टी लगाई थी। इस चोरी का खुलासा विभाग ने गुरुवार को किया था। जीएसटी कमिश्नरेट के मुताबिक वजीर एक्स ने 40.5 करोड़ की जीएसटी चोरी की थी। इस मामले में उससे पेनाल्टी और ब्याज के तौर पर 49.2 करोड़ की वसूली की गई है। विभाग की ओर से बताया गया है कि जनमानी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी वजीर एक्स के क्रिप्टोकरेंसी का काम देखती है। वजीर एक्स प्लेटफॉर्म और डब्ल्यूआरएक्स क्वॉइन्स की मालिक सेशेल्स की बिनांस इन्वेस्टमेंट कंपनी है। क्रिप्टोकरेंसी में भारतीय मुद्रा और डब्ल्यूआरएक्स क्वॉइंस के जरिए ट्रेडिंग की जाती है।

gst evasion

जीएसटी कमिश्नरेट के मुताबिक कंपनी ने क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने वालों से कमीशन भी लिया। भारतीय मुद्रा में ये कमीशन कुल लेन-देन का 0.2 फीसदी था। इसपर जीएसटी भी ली गई। जबकि, अपनी क्रिप्टोकरेंसी WRX Coins के जरिए क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन करने वालों से वजीर एक्स कमीशन तो लेती थी, लेकिन उनसे जीएसटी नहीं ली जाती थी। सारा मामला मार्च 2020 से नवंबर 2021 तक का है। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी और इनका कारोबार करने वालों को लेकर शक जताया था। मोदी ने कहा था कि इनके सख्त नियमन की जरूरत है। इस बारे में संसद में बिल भी लाया जाना है। माना जा रहा है कि टैक्स चोरी की हकीकत अब सामने आने के बाद सरकार कम से कम अध्यादेश लाकर क्रिप्टोकरेंसी के बाजार को नियमन के तहत ला सकती है।

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