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Agneepath Scheme: आनंद महिंद्रा के ऐलान के बाद Naukri.com के फाउडंर ने बताया, ‘अग्निवीर निजी कंपनियों के भी बनेंगे चहेते’

Agneepath Scheme: दरअसल, अग्निपथ योजना को लेकर युवा इसलिए आक्रोशित हैं, क्योंकि उन्हें इस बात को लेकर आशंका है कि आखिर चार वर्ष बतौर अग्निवीर सेना में काम करने के बाद उनके पास रोजगार के रूप में क्या साधन रहेंगे? इसके बाद तो फिर उन्हें रोजगार के लिए दर-दर भटकना करना होगा।

नई दिल्ली। अगर आप समसामयिक गतिविधियों को लेकर आतुर रहने वाले लोगों में से हैं, तब तो आपको ये पता ही होगा कि बीते कुछ दिनों से अग्निपथ योजना को लेकर भड़के युवाओं का रोष अब थम चुका है। सेना और केंद्र सरकार की तरफ से हुई समझाइश के बाद अब युवा शांत हो चुके हैं। सर्वाधिक हिंसाग्रस्त बिहार समेत अन्य किसी भी राज्य में से हिंसा की खबरें प्रकाश में नहीं आईं, लेकिन अपनी ओछी राजनीति करने में पारंगत कांग्रेस ने युवाओं को बरगलाने का कोई भी मौका अपने हाथ से जाने नहीं दिया। बता दें कि बीते रविवार को प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में कई कांग्रेसी नेताओं ने अग्निपथ योजना को वापस लाने हेतु सत्याग्रह आंदोलन किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि हम युवाओं का समर्थन करते हैं और केंद्र सरकार से अग्निपथ योजना को वापस लाने में उनकी हर मुमकिन मदद करेंगे। इस बीच राजनीतिक गलियारों में इस पूरे मसले को लेकर अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया देखने को मिल रही हैं। हालांकि, विगत रविवार को तीनों ही सेनाओं के प्रमुखों की ओर से हुई बैठक में स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी भी कीमत पर अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा। ध्यान रहे कि कुछ विपक्षी दल कह रहे हैं कि अब इसे भी तीनों कृषि कानूनों की तरह ही वापस ले लिया जाएगा । चलिए, यह तो रहा इस पूरे मसले को लेकर अब तक का राजनीतिक परिदृश्य, लेकिन आइए अब आगे समझते हैं कि आखिर इस योजना को लेकर युवा क्यों आक्रोशित है और इस आक्रोश को कम करने के लिए सरकार क्या कर रही है?

जानें पूरा माजरा-

दरअसल, अग्निपथ योजना को लेकर युवा इसलिए आक्रोशित हैं, क्योंकि उन्हें इस बात को लेकर आशंका है कि आखिर चार वर्ष बतौर अग्निवीर सेना में काम करने के बाद उनके पास रोजगार के रूप में क्या साधन रहेंगे? इसके बाद तो फिर उन्हें रोजगार के लिए दर-दर भटकना करना होगा। इन्हीं सब आपत्तियों को लेकर युवा अब सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए उतर चुके हैं, लेकिन विरोध के नाम पर जिस तरह हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया गया है, उसे लेकर अब सरकार एक्शन में आ चुकी है। बता दें कि अब तक हिंसा में संलिप्त 1 हजार से भी अधिक असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

Agneepath scheme Protest

अब समाधान क्या है ?

वहीं, अब युवाओं के इन्हीं आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंत्रालयों ने अग्निवीरों के लिए रोजगार के दरवाजे खोल दिए हैं। उधर, निजी संस्थानों की ओर से भी नौकरी देने में अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जा रही है। अब इसी बीच खबर है कि इन्हीं अग्निवीरों के लिए नौकरी.कॉम के फाउंडर संजीव बिखचंदानी ने बड़ा ऐलान किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल एक महान प्रशिक्षण मैदान के साथ अच्छे संस्थान हैं और यदि किसी व्यक्ति ने सशस्त्र बलों में चार साल की अवधि के लिए सेवा की है, तो वह कॉलेज की डिग्री के साथ एक अनुशासित और प्रशिक्षित पेशेवर के रूप में समाप्त हो जाएगा। उधर, आगामी दिनों में अग्निवीरों के लिए निजी समेत सार्वजनिक संस्थानों में रोजगार के दरवाजे खोले जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि, मेरा अपना व्यक्तिगत अनुभव ही बयां होता है। पिछले डेढ़ दशक में हमने रक्षा प्रतिष्ठान के साथ बातचीत की है कि एक बार निजी क्षेत्र में संगठनों में सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों को रखने के लिए। हमारे प्रयासों को सबसे अच्छी गुनगुनी सफलता मिली”। तो इस तरह से उन्होंने अग्निवीरों के लिए रोजगार के व्यापाक साधनों के बारे में विस्तार से बात की है।

बता दें कि बीते दिनों उन्होंने अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन करने वाले युवाओं द्वारा की गई हिंसात्मक गतिविधियों पर भी दुख जताया था। ध्यान रहे कि बीते दिनों तीनों ही सेनाओं के प्रमुख ने प्रेस कांफ्रेंस मं कहा था कि ऐसे किसी भी युवा को बतौर अग्निवीर सेना में शामिल नहीं किया जाएगा, जिनका भी नाम हिंसा में लिप्त पाया गया तो उसके लिए सेना में भर्ती के सभी दरवाजे बंद कर दिए जाएंगे। तीनों सेनाओं के प्रमुख की ओर से कहा गया है कि सेना में बतौर अग्निवीर सेना में शामिल होने से पहले उनका पुलिस सत्यापन किया जाएगा, लेकिन अब जिस तरह से इस पूरे मसले को लेकर राजनीति देखने को मिल रही है। अब ऐसी स्थिति में यह पूरा मसला आगे चलकर क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।