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RBI: क्या आप भी लोन पर खरीदना चाहते हैं घर या गाड़ी?, तो इस खबर को पढ़कर हो जाएगा आपका मूड ऑफ, क्योंकि…!

RBI increased repo rate: इस संदर्भ में विगत 2 और 4 मई को आरबीआई के नेतृत्व में बैठक की थी, जिसके उपरांत रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला किया गया है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि रुस-यूक्रेन युद्ध के परिणामस्वरूप आरबीआई द्वारा रेपो रेट में इजाफे का ऐलान किया गया है। अब इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आपके जेहन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर रेपो रेट क्या है?

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने आज यानी की बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रेपो रेट के बढ़ने का ऐलान किया है। रेपो रेट के बढ़ने के परिणामस्वरूप आम आदमी के उपभोग में इस्तेमाल होने वाली दैनिक वस्तुओं की कीमत में इजाफा होने के संकेत दिए हैं। फिलहाल रेपो रेट 4.40 फीसद हो गया है। रेपो रेट में इजाफे के नतीजतन कई लोन की दरों में इजाफा हो जाएगा। मसलन, ऑटो लोन, होम लोन समेत कई अन्य लोन के दरों में इजाफा दर्ज किया जाएगा। रेपो रेट के बढ़ने के साथ-साथ ईएमआई के दरों में भी इजाफा होगा। अब आप खुद ही इस बात का सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जब ईएमआई की दरों में इजाफा होगा, तो इससे लोन की दरों में इजाफा होना लाजिमी है।

RBI Governor to make unscheduled statement, spurring hike talk

बता दें कि इस संदर्भ में विगत 2 और 4 मई को आरबीआई के नेतृत्व में बैठक हुई थी, जिसके उपरांत रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला किया गया था। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि रुस-यूक्रेन युद्ध के परिणामस्वरूप आरबीआई द्वारा रेपो रेट में इजाफे का ऐलान किया गया है।


अब इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आपके जेहन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर रेपो रेट क्या है? तो आपको बताते चलें कि रेपो रेट, उस दर को कहते हैं, जिस दर पर आरबीआई के निर्देश पर अन्य बैंक अपने ग्राहकों को लोन उपलब्ध कराते हैं।

RBI may again opt for status quo on key policy rate next week, say experts | Business News – India TV

अब जाहिर-सी बात है कि जब केंद्रीय बैंक ही अन्य बैंकों को ऊंचे रेपो रेट पर लोन उपलब्ध कराएगा, तो फिर अन्य बैंक भी आम ग्राहकों को ऊंची दरों पर ही लोन मुहैया कराएंगे।अब जैसा कि आर्थिक विशेषज्ञों का अपने उपरोक्त कथन के संदर्भ में कहा कि है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के परिणामस्वरूप रेपो रेट में इजाफा दर्ज किया जा रहा है, तो ऐसी स्थिति में यह देखना होगा कि दोनों ही देशों में युद्ध का सिलसिला कब तक अपने विराम स्थल पर पहुंचता है।