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Government Scheme: कम सेलरी वालों को मिलता है बड़ा फायदा, जानिए क्या है सरकार की ये लाभकारी स्कीम?

Government Scheme: सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत कोरोना महामारी द्वारा की गई थी। इस समय लंबे समय तक लगने वाले लॉकडाउन के चलते देश के करोड़ों लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने की ओर लगातार प्रयास करती रहती है। इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लाती रहती है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरूआत की है, जिसके तहत देश के लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त करने में सहायता मिलती है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 30 अप्रैल 2022 तक देश के 58.76 लाख लोगों को कुल 4,920.67 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई थी। सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत कोरोना महामारी द्वारा की गई थी। इस समय लंबे समय तक लगने वाले लॉकडाउन के चलते देश के करोड़ों लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। ऐसे में लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उनकी सहायता करने के लिए सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की थी। गौरतलब है, कि इस योजना के तहत सरकार 15,000 रुपये से कम वेतन प्राप्त करने वाले लोगों की EFPO में कंपनी के 12 प्रतिशत सरकार द्वारा दिए जाते हैं।

लेकिन, इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कंपनी का EPFO में रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। साथ ही कंपनी में कम से कम 50 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति भी आवश्यक है। इससे दूसरी कंपनियों को कर्मचारियों को नई नौकरी देने में आसानी होगी। दरअसल, इस योजना के तहत सरकार दो सालों तक कर्मचारी और नियोक्ता के हिस्से को पीएफ में जमा करती है। इससे कंपनियों को ज्यादा संख्या में रोजगार देने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। इस योजना का लाभ कर्मचारी नौकरी लगने के बाद से 24 महीनों तक उठा सकता है। इसमें सरकार द्वारा कर्मचारी के वेतन का 24 प्रतिशत अंशदान किया जाता है। इसमें 15 हजार रुपये से कम मासिक वेतन वाले कर्मचारियों को लाभ मिलता है। सेलेरी 15 हजार से अधिक होने पर उनके खाते में सरकार की ओर से किया जाने वाला अंशदान बंद कर दिया जाता है।

pm modi

हालांकि, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का लाभ एक हजार से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी को नहीं मिलेगा। इसके अलावा, इस योजना का लाभ लेने के लिए कंपनियों का ईपीएफओ के साथ अक्टूबर, 2020 से पहले पंजीकरण होना आवश्यक है। इतना ही नहीं, इस योजना के तहत 31 मार्च, 2022 तक ‘भविष्य निधि संगठन’ के साथ रजिस्ट्रेशन कराने वाले कर्मचारियों को सरकार की ओर से पीएफ अंशदान का लाभ भी दिया जाएगा।