newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

हैदराबाद की एक लैब में पैदा किया जा रहा है कोरोनावायरस, वैज्ञानिक हुए सफल तो जल्द बन सकता है इसका टीका

इस प्रयोग में अगर वैज्ञानिक सफल हुए तो इस वायरस का टीका व दवा बनाने से आसानी तो होगी ही साथ ही समय भी कम लगेगा। आपको बता दें कि यह टेस्ट कोशिकीय और आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) की लैब में किया जा रहा है।

नई दिल्ली। कोरोना से फैली महामारी के बीच अगर हम आप से ये कहें कि तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की एक लैब में कोरोनावायरस पैदा किया जा रहा है तो आपको जरूर अटपटा लगेगा। लेकिन ऐसा सच है, दरअसल वैज्ञानिक इस प्रयोग के जरिए वायरस के जीनोम स्ट्रक्टर को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

protection from coronavirus

इस प्रयोग में अगर वैज्ञानिक सफल हुए तो इस वायरस का टीका व दवा बनाने से आसानी तो होगी ही साथ ही समय भी कम लगेगा। आपको बता दें कि यह टेस्ट कोशिकीय और आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) की लैब में किया जा रहा है। कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका जताते हुए सीसीएमबी के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा, ‘घातक कोरोना वायरस के खात्मे के लिए किसी भी देश को दवा बनाने या टीका विकसित करने में कम से कम एक साल लग सकता है। इसलिए अभी एक-दूसरे से सामाजिक दूरी और स्वच्छता बनाए रखना ही इस विषाणु की चपेट में आने से बचने का एकमात्र तरीका है।’

Coronavirus

राकेश मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा, ‘हमने Covid-19 पर रिसर्च शुरू कर दी है। हमने अपनी प्रयोगशालाओं में इस वायरस को बड़ी संख्या में पैदा करना शुरू कर दिया है, जिससे कि हम इसे कोशिकाओं में इसकी वृद्धि का अध्ययन करने के वास्ते सीरम जांच के लिए इस्तेमाल कर सकें।’ उन्होंने यह भी कहा कि सीसीएमबी ने मंगलवार से कोरोना वायरस के नमूनों की जांच शुरू कर दी। संस्थान एक दिन में सैकड़ों नमूनों की जांच करने में समर्थ है।

coronavirus vaccine covid 19

 

इस वायरस का टीका बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि, ‘कोरोना के मामलों में कमी आने का सवाल ही नहीं है। सभी संकेत दर्शा रहे हैं कि मामले बढ़ते जा रहे हैं। ये कहां तक जाएंगे, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि हमारा लॉकडाउन कितना प्रभावी रहता है। चीन लोगों की गतिविधि नियंत्रित करने के कारण इससे बाहर निकल गया। कोई भी देश कम से कम एक साल से पहले टीका नहीं बना पाएगा।’