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कोरोनावायरस : महामारी से जंग में ‘सुरक्षित’ मानी गई चीन की ये वैक्‍सीन, इंसानों पर परीक्षण पूरा

इस समय पूरी दुनिया कोरोनावायरस से जंग लड़ रही है। ऐसे में दुनिया के लिए अच्‍छी खबर है। चीन की कोरोना वायरस वैक्‍सीन Ad5 का 108 वॉलंटिअर्स पर इंसानी परीक्षण अब पूरा हो गया है।

पेइचिंग। इस समय पूरी दुनिया कोरोनावायरस से जंग लड़ रही है। ऐसे में दुनिया के लिए अच्‍छी खबर है। चीन की कोरोना वायरस वैक्‍सीन Ad5 का 108 वॉलंटिअर्स पर इंसानी परीक्षण अब पूरा हो गया है।

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विशेषज्ञों पर इस वैक्‍सीन ने इंसान के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुरक्षित तरीके से बढ़ाया लेकिन यह कोविड-19 वायरस को पूरी तरह से खत्‍म नहीं कर सकी। उन्‍होंने कहा क‍ि मरीजों के अंदर एंटीबॉडी पैदा होना एक अच्‍छा संकेत है।

इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षण से यह साबित हुआ है कि यह चीनी वैक्‍सीन संक्रमण से बचा सकती है लेकिन निश्चित रूप से कहना अभी जल्‍दीबाजी होगी। चीन की इस वैक्‍सीन को कैंसिनो ने बनाया है। इस साल की शुरुआत में इस वैक्‍सीन का परीक्षण शुरू हुआ था। इस कंपनी ने ब्रिटेन के ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी और अमेरिका के मोडेर्ना के परीक्षण से काफी पहले ही अपना परीक्षण शुरू कर दिया था।

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इस वैक्सीन के परीक्षण के दौरान यह पता चला कि वैक्‍सीन के ज्‍यादातर डोज से इम्‍यून स‍िस्‍टम मजबूत हुआ लेकिन एंटीबॉडी का स्‍तर उतना नहीं था जिससे कि वायरस को पूरी तरह से खत्‍म किया जा सके। वैज्ञानिकों ने पाया कि वैक्‍सीन की वजह से टी सेल मजबूत हुए जो वायरस से संक्रमण से बचा सकते हैं। हालांकि वैक्‍सीन के कुछ साइड इफेक्‍ट भी देखे गए। मरीजों के अंदर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और बुखार देखा गया। लेकिन 28 दिनों के अंदर ये लक्षण कम हो गए। किसी भी मरीज के अंदर गंभीर या जानलेवा लक्षण नहीं देखे गए।

डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की Ad5 कोरोना वायरस वैक्‍सीन दुनिया में सबसे आगे चल रही कोरोना वायरस वैक्‍सीन में शामिल है। हालांकि अभी तक यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि अमेरिका चीन की वैक्‍सीन का इस्‍तेमाल करेगा या नहीं। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन की वैक्‍सीन के परीक्षण के दौरान सभी तीन परीक्षण समूहों में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित हो गया।

विशेषज्ञों ने कहा कि अभी इस वैक्‍सीन के कारगर होने को लेकर और ज्‍यादा शोध की जरूरत है। इस पूरे परीक्षण के दौरान अच्‍छी बात यह रही कि इंसानों में कोई खास साइड इफेक्‍ट नहीं देखा गया। डॉक्‍टरों का कहना है कि यह बहुत अच्‍छा संकेत है। यह इसलिए जरूरी है कि जब वैक्‍सीन बनकर तैयार हो जाएगी तो साइड इफेक्‍ट के बारे में जानना बेहद जरूरी होगा।