22 मार्च को बंद रहेंगी दिल्ली मेट्रो की सेवायें, ‘जनता कर्फ्यू’ की वजह से लिया गया बड़ा फैसला
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने कोरोनावायरस पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू की अपील पर 22 मार्च को अपनी सेवायें बंद रखने का बड़ा लिया है। दिल्ली मेट्रो ने इसकी जानकारी एक ट्वीट के जरिये दी है।
नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने कोरोनावायरस पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील पर 22 मार्च को अपनी सेवायें बंद रखने का बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली मेट्रो ने इसकी जानकारी एक ट्वीट के जरिये दी है।
दिल्ली मेट्रो ने अपने ट्वीट में लिखा ”जनता कर्फ्यू’ के मद्देनजर इस रविवार को यानी 22 मार्च 2020 को DMRC ने अपनी सेवाएं बंद रखने का फैसला किया है। इस कदम का उद्देश्य जनता को घर के अंदर रहने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करना है, जो कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में आवश्यक है। #JantaCurfew
In the wake of ‘Janta Curfew’ to be observed this Sunday i.e, on 22nd March 2020, DMRC has decided to keep its services closed. The move is aimed at encouraging public to stay indoors and maintain social distancing, which is essential in the fight against Covid-19. #JantaCurfew
— Delhi Metro Rail Corporation (@OfficialDMRC) March 20, 2020
गौरतलब है ये फैसला प्रधानमंत्री के उस सम्बोधन के बाद लिया गया है जो उन्होंने 19 मार्च को रात 8 बजे देशवासियों को कोरोनावायरस से सचेत रहने के लिए दिया था प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्बोधन में संयम बरतने की देशवासियों से अपील की उन्होंने बताया कि संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना। आजकल जिसे Social Distancing कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, ये बहुत ज्यादा आवश्यक है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि, आज जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं, तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है।
उन्होंने कहा कि, अभी तक विज्ञान, कोरोना महामारी से बचने के लिए, कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है।
दुनिया पर कोरोना के प्रभाव पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि, दुनिया के जिन देशों में कोरोना वायरस का प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है, वहां अध्ययन में एक और बात सामने आई है। इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है। इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है।