नई दिल्ली। महामारी कोरोनावायरस वैसे तो हर उम्र के लोगों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। लेकिन कुछ रिसर्च के मुताबिक इसका असर बुजुर्गों और कम उम्र के बच्चों पर सर्वाधिक घातक नजर आ रहा है। इसी वजह से इस वायरस की शुरुआत से ही बच्चों और बुजुर्गों को घरों के अंदर रहने की सख्त हिदायत दी जा रही है।
इसके बावजूद भी पिछले कुछ महीनों को लेकर बात की जाए तो बुजुर्गों और किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति कोरोना के सबसे पहले शिकार हो रहे हैं। इसी बीच चेन्नई से पहला मामला ऐसा सामने आया जिससे 8 साल का बच्चा कोरोना से संक्रमित है। वह लड़का कोरोनो वायरस से जुड़े हाइपर-इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम से प्रभावित मिला है। यह बीमारी बच्चों को सबसे अधिक होती हैं। जानिए इस बीमारी के बारे में सबकुछ।
अमेरिका और यूरोपीय देशों के बच्चों को बीमार करने वाली इस दुर्लभ बीमारी से भारत में भी दस्तक दे दी है। इस बीमारी में शरीर में सूजन आ जाती हैं। चेन्नई में 8 साल के बच्चे को कांची कामकोटि चाइल्ड्स ट्रस्ट अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। इस बच्चे के शरीर में टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम और कावासाकी बीमारी के लक्षण मिले थे। इस बारे में अस्पताल से रिपोर्ट आई जिसमें बताया गया कि पीड़ित बच्चे की गहन देखभाल की गई और 2 सप्ताह के बाद वो ठीक हो गया।
क्या है कावासाकी रोग?
कावासाकी बीमारी शरीर की रक्तवाहिनियों से जुड़ी बीमारी है। इस बीमारी में रक्तवाहिनी की दीवारों में सूजन होती है। जिसके कारण यह हृदय तक खून पहुंचाने वाली धमनियों को कमजोर कर देती है। ऐसी स्थिति में बुखार के साथ स्किन पर चकत्ते दिखना, हाथों और गले में सूजन और आंखों का लाल होना आदि लक्षण नजर आते हैं।
कावासाकी रोग के लक्षण
– तेज बुखार
– स्किन में लाल या पीले चकत्ते पड़ना
– सूजन
– आंखों के सफेद भाग में लालिमा होना।
– मुंह, गले और होंठ में सूजन
– पेट संबंधी समस्याएं
– जोड़ों में दर्द