नई दिल्ली। कोरोना से परेशान पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन की उम्मीद को एक झटका लगा है। बता दें कि कोरोना की वैक्सीन बना रही जॉनसन एंड जॉनसन कपंनी वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगा दी है। दरअसल इस कंपनी के ट्रायल में वॉलंटियर पर विपरीत असर देखने को मिला है। जिसकी वजह से जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना को लेकर किए जा रहे अपने क्लिनिकल ट्रायल को अस्थायी रूप से रोक दिया है। सोमवार को कंपनी ने ट्रायल को रोकने को लेकर एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि, उसने एक अध्ययन प्रतिभागी में एक अस्पष्टीकृत बीमारी के कारण अपने ट्रायल को अस्थायी रूप से रोक दिया है। जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि प्रतिभागी की बीमारी की समीक्षा और मूल्यांकन एक स्वतंत्र डेटा और सुरक्षा निगरानी बोर्ड के साथ-साथ कंपनी के क्लिनिकल और सुरक्षा चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है। कंपनी ने कहा कि बड़े ट्रायल में ऐसे अस्थायी रोक चलते रहते हैं, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों पर ट्रायल किया जाता हो।
वहीं जॉनसन एंड जॉनसन ने कहना है कि कि यह रोक अध्ययन पर लगाई गई है। इसका मेडिकल से जुड़े रेगुलटरी बोर्ड की ओर से ट्रायल को रोके जाने से कोई मतलब नहीं ह। जॉनसन एंड जॉनसन का कदम एस्ट्राजेनेका पीएलसी की तरह ही है। सितंबर में, AstraZeneca AZN.L ने अपने वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल पर रोक लगा दी थी।
इसके पहले वैक्सीन बना रही एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन के एक अध्ययन प्रतिभागी में एक अस्पष्टीकृत बीमारी के कारण अपने ट्रायल पर रोक लगाई थी। हालांकि यूके, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत में परीक्षण फिर से शुरू हो गए हैं, लेकिन अमेरिकी में ट्रायल अभी शुरू नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि साल के अंततक इस महामारी का इलाज उपलब्ध होगा।