कोरोनावायरस का नाश करनेवाला नया मलहम, नाक पर लगाते ही खत्म हो जाता है कोरोना
दुनियाभर में कोरोनोवायरस (Coronavirus) मामलों की कुल संख्या 2.28 करोड़ के ऊपर पहुंच गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 797,000 के पार पहुंच गई है। ऐसी में अमेरिका (America) की एक फार्मा कंपनी का दावा है कि उसने एक ऐसा मलहम (Ointment) बनाया है, जिसे लगाते ही 30 सेकेंड में कोविड-19 वायरस मर जाता है।
नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोनोवायरस (Coronavirus) मामलों की कुल संख्या 2.28 करोड़ के ऊपर पहुंच गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 797,000 के पार पहुंच गई है। ऐसी में अमेरिका (America) की एक फार्मा कंपनी का दावा है कि उसने एक ऐसा मलहम (Ointment) बनाया है, जिसे लगाते ही 30 सेकेंड में कोविड-19 वायरस मर जाता है। दरअसल, Advanced Penetration Technology LLC नाम की इस फार्मा कंपनी ने ये दावा किया है। इतना ही नहीं इस मलहम को अमेरिकी दवा रेग्युलेटर अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) से मंजूरी मिल गई है। अब इसे “नॉन प्रिस्क्रिप्शन ओवर द काउंटर” (OTC ointment) के तौर पर बेचा जा सकता है।
कंपनी का दावा है कि यह मलहम कोरोनो वायरस सहित अन्य वायरल संक्रमण को रोकने, उसके इलाज और उन्हें मारने में सक्षम है। यह मलहम कोरोना वायरस को समाप्त करने की क्षमता रखता है। इस मलहम को नाक पर लगाकर कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। अमेरिका के अलावा अलावा लंदन स्थित लैब वायरोलॉजी रिसर्च सर्विसेज लिमिटेड ने OTC ointment ने OTC ointment का परीक्षण किया और पाया कि यह कोरोना वायरस और इन्फ्लुएंजा ए वायरस को खत्म करने में काफी कारगर है। इस मलहम की दो महीने टेस्टिंग की गई, इसके बाद इसे USFDA से अप्रूवल मिला है।
कोरोना से बचाएगा ये मलहम
Advanced Penetration Technology LLC के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अधिकतर मामलों में कोरना वायरस सांस के द्वारा शरीर में प्रेवश करता है। इस OTC ointment को नाक में लगाकर कोरोना वायरस को शरीर में प्रवेश करने से रोका जा सकता है। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट में साबित हुआ है कि टी3एक्स उपचार (T3X treatment) के दौरान OTC ointment वायरस को 30 सेकेंड में मार देता है।
एडवांस्ड पेनिट्रेशन टेक्नोलॉजी कंपनी के संस्थापक डॉ ब्रायन ह्यूबर ने कहा कि परीक्षण में इस मलहम को लगाने के बाद संक्रमण फैलाने वाला कोई विषाणु नहीं पाया गया। हमें उम्मीद है कि यह एक महत्वपूर्ण खोज साबित होगी जो नाक के जरिए कोरोना वायरस के अंदर जाने की आशंका को कम करेगी।