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कोरोनावायरस से इंसानों की रक्षा करने वाली ये हैं वो वैक्सीन, जिनपर किया जा रहा है रिसर्च

वैसे इस बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है कि कौन सी वैक्सीन इस वायरस को मात देने में सफल होगी। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस महामारी का इलाज खोजने में भले ही लगे हों लेकिन ये कहना मुश्किल है कि इससे निजात कबतक मिलेगा।

नई दिल्ली। कोरोना के मरीजों की संख्या पूरी दुनिया में तेजी के साथ बढ़ रही है। इस वायरस से निजात पाने के लिए इसके वैक्सीन की खोज तेज हो गई है। कोरोना के खात्मे और इसके वैक्सीन बनाने को लेकर दुनियाभर में वैज्ञानिकों की करीब 90 टीम काम कर रही हैं। वैक्सीन निर्माण को लेकर सभी अलग-अलग स्तर पर पहुंच चुकी हैं।

Corona Test

इन वैक्सीन में से कुछ ऐसी हैं जो अपने लक्ष्य के बेहद करीब हैं। इंसानों पर सफल परीक्षण के बाद इस वैक्सीन को लोगों के इलाज के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। इनमें से एक AD5-nCoV वैक्सीन है। यस वैक्सीन का परीक्षण चीन की कंपनी कैंसिनो बॉयोलॉजिक्स ने 16 मार्च से ही अपने परीक्षण शुरू कर दिए थे। कैंसिनो के साथ चीन के एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज और इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी भी काम कर रही है।

इस कंपनी ने कोरोना के इलाज में वायरस को काटने के लिए वायरस का उपयोग किया है। इंसान के शरीर में आंखों, सांस की नली, फेफड़े, आंतों और नर्वस सिस्टम में संक्रमण का कारण बनने वाले वायरस एडेनोवायरस का उपयोग किया जा रहा है। चीन इस एडेनोवायरस को शरीर में डालकर कोशिका के उस प्रोटीन के सक्रिय कर देगा जो कोरोना वायरस से लड़ेगा, इससे इम्यूनिटी भी बढ़ेगी।

corona medicine

वहीं LV-SMENP-DC वैक्सीन को चीन के शेंझेन जीनोइम्यून इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है। यह वैक्सीन HIV के लिए जिम्मेदार वायरस लेंटीवायरस पर आधारित है। इस कंपनी ने उन कोशिकाओं की मदद ली है जो प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करती हैं। ये कोशिकाएं शरीर में बाहरी वायरस के आते ही सक्रिय हो जाती हैं और उस पर हमला कर देती हैं। इसके हमले से या तो वायरस मारा जाता है, या फिर निष्क्रिय हो जाता है।

इसके अलावा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में बनाए गए ChAdOx1 वैक्सीन का यूरोप में पहला क्लीनिकल ट्रायल 23 अप्रैल को शुरू हुआ था। यहां भी वायरस से वायरस को काटने की तैयारी चल रही है। लेकिन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने चिंपाजी से लिए गए कमजोर एडेनोवायरस का उपयोग कर रहे हैं। इसमें कुछ जेनेटिक बदलाव किए गए हैं ताकि ये इंसानों के शरीर में जाकर उल्टा काम न शुरू कर दें।

Oxford University Corona Vaccine

यही नहीं अमेरिकी के पेंसिलवेनिया में स्थित फार्मा कंपनी इनोवियो ऐसी वैक्सीन तैयार कर रही है, जो लोगों के शरीर को इस वायरस से लड़ने के लिए तैयार करेगी। यह मरीज की कोशिकाओं में प्लाज्मिड से सीधे डीएनए शरीर के अंदर इंजेक्ट करेगी। इससे मरीज के शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनने लगेंगे। इनोवियो एक जेनेटिक स्ट्रक्चर पर बदलाव करके इस बीमारी को ठीक करना चाहती है। क्योंकि अगर शरीर के अंदर जेनेटिकली इस बीमारी से लड़ने की क्षमता पैदा हो गई तो भविष्य में ये खतरा कभी नहीं आएगा।

वैसे इस बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है कि कौन सी वैक्सीन इस वायरस को मात देने में सफल होगी। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस महामारी का इलाज खोजने में भले ही लगे हों लेकिन ये कहना मुश्किल है कि इससे निजात कबतक मिलेगा।