प्रोटीन वाली इस दवा से कोरोना मरीजों की सेहत में हो रहा सुधार, जानें दावे का सच..
। इस स्टडी में 25 गंभीर मरीजों के आंकड़ों को पर नजर रखी गई, जिसमें पता चला कि प्रोटीन वाली दवा से भी कोरोना को मरीजों में सुधार लाया जा सकता है।
नई दिल्ली। कोरोना से निजात पाने के लिए कई तरह के प्रयोग दुनियाभर में चल रहे हैं। वैक्सीन खोजने के अलावा एक स्टडी में पता चला है कि एक प्रोटीन वाली दवा कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों की स्थिति में सुधार ला सकती है। इस स्टडी में 25 गंभीर मरीजों के आंकड़ों को पर नजर रखी गई, जिसमें पता चला कि प्रोटीन वाली दवा से भी कोरोना को मरीजों में सुधार लाया जा सकता है।
इसमें 12 मरीजों को Interleukin 7 (IL-7) दी गई जो व्हाइट ब्लड सेल्स lymphocytes का उत्पादन बढ़ाने में मदद करती है। IL-7 को इम्यूनोथेरेपी भी कहते हैं। Lymphocytes से खतरनाक Cytokine Storm अटैक की स्थिति बेहतर हो सकती है। Cytokine Storm तब होता है जब शरीर न सिर्फ वायरस से लड़ता है, बल्कि अपने ही सेल्स और टिश्यू पर हमला कर देता है।
स्टडी के दौरान देखा गया कि जिन मरीजों को IL-7 दी गई उनमें 30 दिनों के बाद lymphocytes दोगुने हो गए थे। ट्रीटमेंट की वजह से मरीजों में दूसरे संक्रमण नहीं देखे गए, लेकिन मौत की दर पर इसका कोई असर नहीं हुआ। बेल्जियम के ब्रसेल्स के कैथोलीक डी लूवैन यूनिवर्सिटी की टीम ने इंटरनेशनल स्टडी का नेतृत्व किया। स्टडी के मुताबिक, IL-7 ट्रीटमेंट से यह भी देखा गया कि मरीजों के इन्फ्लैमेशन की स्थिति में सुधार होता है।
कोरोना मरीजों के मामलों में Cytokine Storms की वजह से फेफड़ों की गंभीर दिक्कत होती है। इसकी वजह से शरीर के कई अन्य अंग भी काम करना बंद कर सकते हैं और मरीज की मौत भी हो सकती है। इस स्टडी को JAMA Network Open जर्नल में प्रकाशित किया गया है। रिसर्चर्स का कहना है कि IL-7 से मरीजों पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा। मरीज के ब्लड प्रेशर, तापमान और ऑक्सीजन के स्तर में कोई बदलाव नहीं देखा गया।