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WHO ने बताया तरीका कैसे बिना वैक्सीन भी कोरोना से निपट सकती है दुनिया

इटली(Italy) के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना(Corona) संक्रमित मरीज को वायरस को दूर करने में कम से कम एक महीना लगता है। इसलिए पॉजिटिव आने के एक महीने बाद ही दोबारा टेस्ट कराना चाहिए।

नई दिल्ली। कोरोना से परेशान पूरी दुनिया अब इस वायरस से निजात चाहती है। ऐसे में तमाम देश कोरोना वैक्सीन की तलाश में लगे हुए हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने कोरोना की वैक्सीन के बिना ही इससे बचने का रास्ता बताया है। WHO का कहना है कि यूरोप और दुनिया के अन्य देश बिना वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) के भी कोविड-19 पर नियंत्रण पा सकते हैं, लेकिन उन्हें स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने होंगे।

CORONA WHO

WHO का कहना है कि स्थानीय हालातों को देखते हुए लॉकडाउन जैसे सख्त फैसले लेने होंगे। WHO के यूरोप के निदेशक ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यहां राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन सफल रहे हैं, लेकिन जहां संक्रमण फैलने का ख़तरा सबसे ज्यादा है वहां इसकी काफी जरूरत है। उधर इटली के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना संक्रमित मरीज को वायरस से उबरने में कम से कम एक महीना लगता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक हैन्स क्लूग ने स्काई न्यूज़ से कहा, ‘जब हम महामारी पर विजय हासिल करेंगे, ज़रूरी नहीं कि वह वैक्सीन से संभव हो। ऐसा हम तभी कर पाएंगे जब हम महामारी के साथ रहना सीख लेंगे और ऐसा हम कर ही कर सकते हैं।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या आने वाले महीनों में संक्रमण की सेकेंड वेव से बचने के लिए फिर से बड़े पैमाने पर लॉकडाउन लगाने पड़ सकते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘नहीं, मुझे उम्मीद है कि इसकी ज़रूरत नहीं पड़ेगी मगर स्थानीय स्तर पर लगने वाले लॉकडाउन की संभावनाओं को खारिज नहीं किया जा सकता।’

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वहीं इटली के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज को वायरस को दूर करने में कम से कम एक महीना लगता है। इसलिए पॉजिटिव आने के एक महीने बाद ही दोबारा टेस्ट कराना चाहिए। उन्होंने बताया कि पांच निगेटिव टेस्ट रिजल्ट में एक गलत होता है। इटली के मोडेना एंड रेजियो एमिलिया यूनिवर्सिटी के डॉ. फ्रांसिस्को वेंतुरेली और उनके साथियों ने 1162 मरीजों पर अध्ययन किया है।

इसमें कोरोना मरीजों की दूसरी बार टेस्टिंग 15 दिन बाद, तीसरी बार 14 दिन बाद और चौथी बार नौ दिन बाद की गई। इसमें पता चला कि पहले जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई वे फिर से पॉजिटिव पाए गए। औसतन पांच लोगों के निगेटिव टेस्ट में एक का रिजल्ट गलत था। अध्ययन के मुताबिक 50 साल तक के लोगों को 35 दिन और 80 साल से ज्यादा की उम्र वालों को ठीक होने में 38 दिन लगते हैं।

उधर नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि राजधानी काठमांडू समेत 12 जिलों मे कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है। इन 12 जिलों में 73% एक्टिव केस हैं। ये जिले मोरांग, सुनसरी, धनुसा, महोतरी, परसा, बारा, रौतहत, सरलही, काठमांडू, ललितपुर, चितव और रूपनदेहि हैं। ये सभी हॉटस्पाट बन चुके हैं। नेपाल में अब तक 40 हजार 529 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 239 लोगों की मौत हो चुकी है।