WHO ने दिया दुनिया को बड़ा झटका, कहा-‘2021 से पहले वैक्सीन नहीं’
पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है। लाखों लोग इस घातक वायरस से मर रहे हैं। इसे अब तक की सबसे बड़ी महामारी कहा जा रहा है। ऐसे में तमाम देशों के वैज्ञानिक और डॉक्टर इस महामारी की वैक्सीन की जद्दोजहद में लगे हैं। लेकिन इसी बीच WHO ने दुनिया को एक बड़ा झटका दिया है।
नई दिल्ली। पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है। लाखों लोग इस घातक वायरस से मर रहे हैं। इसे अब तक की सबसे बड़ी महामारी कहा जा रहा है। ऐसे में तमाम देशों के वैज्ञानिक और डॉक्टर इस महामारी की वैक्सीन की जद्दोजहद में लगे हैं। कई देश इस महामारी की वैक्सीन बनाने के बेहद करीब भी पहुंच चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही इस बीमारी से निपटने के लिए वैक्सीन दुनिया को मिल सकती हैं। लेकिन इसी बीच WHO ने दुनिया को एक बड़ा झटका दिया है।
WHO के Emergency program के हेड माइक रेयान का कहना है कि अभी कोरोना के वैक्सीन के ट्रायल लास्ट स्टेज में जरूर हैं, लेकिन इसका प्रयोग 2021 से शुरुआत से पहले होनी की उम्मीद कम है। इसका मतलब ये है कि कोरोना की वैक्सीन 2021 से पहले नहीं आएगी। लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अच्छी प्रगति कर रहे हैं। कई वैक्सीन का ट्रायल तीसरे फेज में है और जहां तक सुरक्षा और इम्युन सिस्टम डेवलप करने की बात है तो अभी तक कोई भी असफल नहीं हुआ है।
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अगले महीने से कोरोना वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल शुरू करने जा रहा है। कंपनी को साल के आखिर तक वैक्सीन तैयार करने की उम्मीद है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से वैक्सीन बनाने का करार तो किया ही है, कई और वैक्सीन कैंडिडेट्स पर भी काम कर रही है। AstraZeneca के साथ मिलकर उसने ऑक्सफर्ड वाली वैक्सीन की 1 बिलियन डोज सप्लाई करने का टारगेट रखा है।
देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है। एम्स दिल्ली देश की उन 12 जगहों में से एक है जहां Covaxin का ट्रायल हो रहा है। यहां का सैंपल साइज पूरे देश में सबसे बड़ा है इसलिए यहां के नतीजे पूरी रिसर्च की दिशा तय करेंगे। एम्स पटना और रोहतक पीजीआई में वैक्सीन का ट्रायल पहले ही चल रहा है। गोवा में भी आज से ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो रही है।