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कोरोना के चलते यूपी के 15 जिलों समेत देश के कई हिस्सों में लॉक डाउन, न डरिए, न घबराइए, सही मतलब समझिए

यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के 15 जिलों में 22 मार्च से लेकर 25 मार्च तक का लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है। योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि यूपी में 25 मार्च तक 15 जिलों में लॉक डाउन रहेगा।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश के बड़े हिस्से में लॉक डाउन कर दिया गया है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के 15 जिलों में 22 मार्च से लेकर 25 मार्च तक का लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है। योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि यूपी में 25 मार्च तक 15 जिलों में लॉक डाउन रहेगा।

Yogi Adityanath

इन जिलों में लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, बरेली मेरठ, अलीगढ़, सहारनपुर, प्रयागराज, लखीमपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, बाराबंकी, आगरा, गोरखपुर, सहारनपुर शामिल हैं। इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से देश के उन 75 जिलों में लॉक डाउन घोषित कर दिया गया था जहां कोरोना के मामले सामने आए थे। कोरोना के खतरों को देखते हुए पंजाब और उत्तराखंड सरकार ने पूरे राज्य में 31 मार्च तक लॉकडाउन (बंदी) लागू करने का फैसला किया है।

राजस्थान ने भी लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। लॉक डाउन का आशय कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने की खातिर लोगों को घरो में रहने की ताकीद करना है। लॉक डाउन में न डरने की जरूरत है और न घबराने की। केवल आपको अपने घरों में रहने की आवश्यकता है। लॉक डाउन का मकसद भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहने और खुद की सुरक्षा पर ध्यान देने का है। लॉकडाउन’ का अर्थ है तालाबंदी। व्यवसायिक अर्थों में जब किसी संस्थान या फैक्ट्री को बंद किया जाता है तो वहां तालाबंदी हो जाती है। पर यहां लॉक डाउन का अर्थ है कि लोग अनावश्यक कार्य के लिए सड़कों पर ना निकलें। यूं समझें लॉक डाउन को- लॉक डाउन एक अस्थायी व्यवस्था है जो आकस्मिक या फिर इमरजेंसी की सूरत में लागू की जाती है। यह एक शहर या फिर एक राज्य में लागू की जाती है।

Corona Virus

इस स्थिति में लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। लोग सिर्फ आकस्मिक स्थितियों में ही बाहर आ सकते हैं। उन्हें दवा और अनाज जैसी जरूरी चीजों के लिए घर से निकलकर बाजार जाने की छूट होती है। इस दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बंद कर दिया जाता है। लोग पैसों की खातिर बैंक और एटीएम जा सकते हैं। कुछ ऐसी भी एजेंसियां हैं जिन्हें इस लॉक डाउन से बाहर रखा गया है। इसमें डॉक्टर, नर्स, पुलिस और मीडिया शामिल हैं। लोग किसी भी समस्या की सूरत में प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं। आकस्मिक स्थितियों को छोड़कर जिले की सीमाएं आवागमन के लिए बंद कर दी जाती हैं। जिले का कलेक्टर किसी भी परेशानी की सूरत में नोडर अफसर की तरह काम करता है। जरूरी सेवाओं को छोड़कर इस दौरान सभी सरकारी और निजी संस्थान बंद रहते हैं। रेलवे की ओर से भी इस दौरान ट्रेने नही चलाई जाएंगी।

Modi Live two

इससे पहले केंद्र सरकार ने देश भर के 75 जिलों में 72 घंटे से लेकर 14 दिन का लॉक डाउन घोषित किया गया है। इसमें दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों के अलावा नोएडा, पुणे, गाजियाबाद, लखनऊ, पटना, भोपाल जैसे महानगर भी शामिल हैं। इन शहरों में केमिस्ट और राशन जैसी जरूरी सेवाओं के अलावा सभी प्रकार की दुकानें, परिवहन, आफिस बंद रहेंगे। इसके अलावा रेलवे ने सभी प्रकार की पैसेंजर ट्रेनें भी 31 मार्च तक बंद कर दी गई हैं।