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Nomination By PM Modi: आखिर पुष्य नक्षत्र में वाराणसी से नामांकन क्यों कर रहे पीएम मोदी?, ये मानी जाती है खासियत

Nomination By PM Modi: पीएम मोदी ने साल 2014 में पहली बार वाराणसी से चुनाव लड़ा था। उस साल उन्होंने गुजरात की भी एक सीट से नामांकन दाखिल किया था। वाराणसी के वोटरों ने पहली बार ही मोदी को बंपर वोट दिए थे। इसके बाद मोदी ने 2019 में सिर्फ वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा और फिर एक बार जबरदस्त वोटों से चुनकर पीएम बने थे।

वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को यूपी के वाराणसी से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन करेंगे। मोदी पुष्य नक्षत्र में अपना नामांकन करने वाले हैं। नामांकन से पहले मोदी वाराणसी के अस्सी घाट जाएंगे और वहां पूजा करेंगे। इसके बाद काशी के कोतवाल कहे जाने वाले कालभैरव के भी दर्शन करेंगे। इसके बाद सुबह 11.40 बजे मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करेंगे।

modi in varanasi

जिस पुष्य नक्षत्र में मोदी नामांकन करने वाले हैं, उसे नक्षत्रों का राजा माना जाता है। अच्छे काम के लिए पुष्य नक्षत्र को ही सबसे बेहतर माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार पुष्य शनि का नक्षत्र है। पुष्य नक्षत्र के देवता देवगुरु बृहस्पति माने जाते हैं। पुष्य नक्षत्र को बहुत शुभ और कल्याण देने वाला कहा जाता है। इस नक्षत्र में किए गए काम या खरीदी गई चीज लंबे समय तक टिकाऊ रहने की बात ज्योतिषी कहते हैं। मंगलवार को दोपहर 1.05 बजे तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। इसी दौरान पीएम मोदी अपना नामांकन दाखिल कर एक बार फिर वाराणसी की जनता के वोट से जीतने और केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने की कवायद में जुटे हैं।

पीएम मोदी ने साल 2014 में पहली बार वाराणसी से चुनाव लड़ा था। उस साल उन्होंने गुजरात की भी एक सीट से नामांकन दाखिल किया था। वाराणसी के वोटरों ने पहली बार ही मोदी को बंपर वोट दिए थे। इसके बाद मोदी ने 2019 में सिर्फ वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा और फिर एक बार जबरदस्त वोटों से चुनकर पीएम बने थे। अब मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी से लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। कांग्रेस ने मोदी के खिलाफ वाराणसी से अपने यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को टिकट दिया है। अजय राय पिछली बार वाराणसी से हारे थे। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी वाराणसी में मोदी से चुनाव लड़कर हार गए थे। मोदी के नामांकन में समाज के नामचीन लोगों के शामिल होने की संभावना है। मोदी हमेशा अपने प्रस्तावक में वाराणसी के प्रबुद्ध और नामी लोगों को रखते रहे हैं। इस बार भी ऐसा ही देखने को मिल सकता है।