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‘बालिका वधू’ के ये डायरेक्टर हुए पाई-पाई के मोहताज, गली-गली घूमकर ठेले पर सब्जियां बेचने को मजबूर

कई फेमस टीवी शो और फिल्मों का डायरेक्शन (Director) करने में मदद करने वाले रामवृक्ष गौड़ (Ramvriksha Gaur) आज पाई-पाई को मोहताज हो गए हैं। उन्हें अपने परिवार का पेट पालने के लिए सब्जियां बेचनी पड़ रही है।

नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona Epidemic) और लॉकडाउन (Lockdown) के चलते देश और दुनिया में भयावह स्थिति बनी हुई है। रोजगार जैसी बड़ी मुश्किल का सामना सभी को करना पड़ रहा है। कई लोगों की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई है। जिनके पास कुछ नहीं बचा वो गांव में जाकर अपना गुजर-बसर करने लगे। ऐसी ही कहानी टीवी के फेमस सीरियल बालिका वधु के डायरेक्टर (TV Director) की है। रामवृक्ष गौड़ (Ramvriksha Gaur) कुछ तो लोग कहेंगे, सुजाता जैसे कई टीवी सीरियल्स में डायरेक्टर रह चुके है।

ramvriksha gaur

बता दें कि कई फेमस टीवी शो और फिल्मों का डायरेक्शन करने में मदद करने वाले रामवृक्ष गौड़ आज पाई-पाई को मोहताज हो गए हैं। उन्हें अपने परिवार का पेट पालने के लिए सब्जियां बेचनी पड़ रही है।

लॉकडाउन की वजह से गांव में फंसे

रामवृक्ष वैसे तो मुंबई में रहते हैं। लेकिन यहां उनका पुस्तौनी घर आज भी आजमगढ़ में हैं। वह अपने बच्चे के साथ होली पर गांव में आए थे। रामवृक्ष वापस जाते इसके पहले लॉकडाउन लग गया। एक दो महीने इंतजार के बाद भी स्थिति सामन्य नहीं हुई तो मजबूरन रोजी-रोटी के लिए वह ग्यारहवीं में पढ़ने वाले अपने बेटे के साथ सब्जी की दुकान लगाकर परिवार के साथ गुजर-बसर करने लगे।

ramvriksha gaur

मूल रूप से निजामाबाद के फरहाबाद निवासी चालीस वर्षीय रामवृक्ष के पिता सब्जी का ही व्यवसाय करते हैं। 2002 में अपने मित्र निजामाबाद के साहित्यकार शाहनवाज खान की मदद व प्रेरणा से रामवृक्ष मुंबई पहुंचे। पहले लाइट विभाग में काम किया। इसके बाद टीवी प्रोडक्शन में कई अन्य विभागों में भाग्य आजमाया। धीरे-धीरे अनुभव बढ़ने लगा। इस बीच निर्देशन विभाग में अवसर मिला। फिर क्या था निर्देशन का काम रामवृक्ष को भा गया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। पहले कई सीरियल के प्रोडक्शन में बतौर सहायक निर्देशक का काम मिलने लगा। इसके बाद कई धारावाहिकों में एपिसोड डायरेक्टर फिर यूनिट डायरेक्टर, यूनिट डायरेक्टर का काम करते हुए नित नई ऊंचाइयां तय करने लगे। इस बीच वहां एक कमरे का फ्लैट घर भी खरीद लिया। जीवन पटरी पर था लेकिन लॉकडाउन में वही सबकुछ ठहर गया।

ramvriksha gaur

लाखों कमाने वाला आज पैसों के मोहताज

रामवृक्ष गोंड, टीवी सीरियल डायरेक्टर कहते हैं टीवी उद्योग में काफी अनिश्चितता रहती है। हालाकि मेरा काम अच्छा चलता था। काम खूब था। काम आता था तो प्रोडक्शन हाउस के हिसाब से साठ हजार से लेकर डेढ़ लाख प्रतिमाह कमा लेता था। अब तो सब्जी के काम में महीने में बमुश्किल बीस हजार कमाता हूं। ये काम मेरे लिए कोई नया नहीं है, मेरे परिवार में यही काम होता है। मैं मुंबई जाने से पहले यही करता था। काम कोई छोटा बड़ा नहीं होता है। मैं खुश हूं। मुंबई में हालात सुधरेंगे तो फिर से वापस फिर से उसी दुनिया में लौट जाउंगा।