newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

BMC नहीं चला पाएगा सोनू सूद की बिल्डिंग पर बुल्डोजर, बॉम्बे HC ने दी 13 जनवरी तक राहत

Sonu Sood: अब बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 जनवरी तक बीएमसी सोनू सूद(Sonu Sood) की बिल्डिंग पर हथौड़ा नहीं चला सकेगी। बता दें कि सूद को 2020 में बीएमसी(BMC) की ओर से नोटिस जारी किया गया था।

नई दिल्ली। अभिनेता सोनू सूद को बॉम्बे हाईकोर्ट ने 13 जनवरी तक अंतरिम राहत दी है। बता दें कि यह मामले सोनू सूद की बिल्डिंग से जुड़ा हुआ है। इस बिल्डिंग को लेकर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने नोटिस जारी किया था लेकिन अब बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 जनवरी तक बीएमसी सोनू सूद की बिल्डिंग पर हथौड़ा नहीं चला सकेगी। बता दें कि सूद को 2020 में बीएमसी की ओर से नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस के खिलाफ सोनू की अर्जी को दिंडोशी सिटी सिविल कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद सोनू सूद ने उसी फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सोनू सूद की रिहाइशी बिल्डिंग को लेकर बीएमसी ने दो नोटिस जारी किए थे। एक नोटिस अवैध निर्माण से जुड़ा था। वहीं दूसरा नोटिस बिल्डिंग के ‘इस्तेमाल का मकसद’(चेंज ऑफ यूजर)  बदलने को लेकर था।

वहीं बीएमसी की ओर से पेश हुए वकील अनिल साखरे ने दलील दी कि, “निचली अदालत ने नोटिस के खिलाफ सोनू सूद की अर्जी खारिज करते हुए हाईकोर्ट तक जाने के लिए तीन हफ्ते का वक्त दिया था। ये वक्त शनिवार को खत्म हो गया। आखिरी मिनट में कोर्ट में पहुंच कर राहत मांगी गई।” साखरे ने इस मामले की सुनवाई को लेकर कहा, “शनिवार, रविवार को म्युनिसिपल दफ्तर बंद होते हैं। अखबारों और टेलीविजन के जरिए हमें पता चला कि मामले पर आज (सोमवार) को सुनवाई होनी है।’’

साखरे के मुताबिक उनकी टीम सभी दस्तावेजों को अभी तैयार नहीं कर पाई जिससे कि कोर्ट को आश्वस्त किया जा सके कि क्यों सोनू को भेजा गया नोटिस कानूनी तौर पर सही है। वहीं इस मामले में सोनू की तरफ से पैरवी करने वाले वकील अमोघ सिंह ने बीएमसी की ओर से हथौड़ा चलाने की कार्रवाई रोकने को लेकर संरक्षण मांगा है। सिंह ने कहा, “बीएमसी की ओर से नोटिस जारी किया गया और हमने उसका जवाब दिया। इसके लिए कोई स्पीकिंग ऑर्डर नहीं है और निचली अदालत ने कहा कि स्पीकिंग ऑर्डर की जरूरत नहीं है। जबकि कोर्ट के ऐसे कई ऑर्डर हैं जिनमें कहा गया है कि ये ऑर्डर होना चाहिए।”

Bombey High Court

सिंह ने आगे कहा, “2018 में सूद ने बीएमसी को ‘चेंज ऑफर यूजर’ के लिए आवेदन दिया था जो कि अभी तक लंबित है। उन्होंने उस पर कोई आदेश नहीं दिया और इस बीच हमें नोटिस भेजना शुरू कर दिया। जब तक ये आवेदन लंबित है वो कार्रवाई नहीं कर सकते।” वहीं BMC के वकील का कहा कि, “छह मंजिला रिहाइशी बिल्डिंग को सोनू सूद ने होटल में बदल दिया। जबकि इस होटल को चलाने का कोई लाइसेंस नहीं है। इस बिल्डिंग में 24 कमरे हैं। फ्लैट्स को होटल रूम्स में बदल दिया गया है। ऐसे ऐप्स हैं जो मुंबई में होटलों की लिस्ट दिखाते हैं, जिनमें सूद का होटल भी शामिल है।” इसपर सूद के वकील सिंह से जस्टिस पृथ्वीराज के चव्हाण ने पूछा- क्या होटल चल रहा है?  इस पर बीएमसी के वकील साखरे ने कहा- ‘हां, ये बिना लाइसेंस ही चल रहा है।’

sonu sood

वहीं सोनू सूद के वकील सिंह ने कहा, “ये एक रिहाइशी होटल है। हमने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। यहां कोई व्यक्ति होटल में रुकने की सामान्य अवधि की तुलना में लंबी अवधि के लिए ठहर सकता है। ये डॉरमेटरी नहीं है। ये बहुत कुछ किराए पर अपार्टमेंट जैसा है। लेकिन कोर्ट के सामने ये मुद्दा नहीं है।”

इसके बाद सिंह के जवाबों पर सख्त तेवर दिखाते हुए कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा, “लेकिन कोर्ट आपसे कोई भी सवाल कर सकती है और आपको जवाब देने की जरूरत है। मुद्दा ये है कि शख्स को साफ हाथों के साथ कोर्ट में आना चाहिए। अगर ऐसा मामला नहीं है तो आपको परिणाम भुगतने होंगे। जाहिर तौर पर सवाल किए जाएंगे।” कोर्ट के सवाल का जवाब देने के बाद सूद के वकील सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि “ये नहीं होना चाहिए कि वे बीएमसी डिमॉलिशन की कार्रवाई करें। बीएमसी को बयान देना चाहिए कि वे डिमॉलिश नहीं करेंगे।”