Ek Villain Returns Movie Review : एक विलेन लौटा तो पर इस बार वो पहला वाला रूतबा और रौब नहीं था

Ek Villain Returns Movie Review : एक विलेन लौटा तो पर इस बार वो पहला वाला रूतबा और रौब नही था फिल्म एक विलेन की तुलना में एक विलेन रिटर्न्स बहुत ज्यादा फीकी है, लेकिन एक ऐसा मनोरंजन जरूर है जिसे एक बार के लिए देखा जा सकता है। फिल्म का म्यूजिक और डायरेक्शन बहुत खास नही है एक और दो गीत ही सिर्फ ठीक-ठाक हैं।

Avatar Written by: July 29, 2022 1:57 pm

नई दिल्ली। जॉन अब्राहम (John Abraham), अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor), दिशा पाटनी (Disha Patani) और तारा सुतारिया (Tara Sutaria) की फिल्म एक विलेन रिटर्न्स (Ek Villain Returns) थिएटर में रिलीज़ हो चुकी है। जिस दिन से इस फिल्म की बनने की बात शुरू हुई दर्शकों ने फिल्म के प्रति उत्साह दिखाया था लेकिन जैसे जैसे समय बीता दर्शकों का फिल्म के प्रति उत्साह काम होने लगा। ट्रेलर आने के बाद कुछ लोगों ने फिल्म को पसंद किया तो कुछ लोगों ने कहा कि इस फिल्म में वो पहले जैसा मजा नही है। फिलहाल फिल्म रिलीज़ हो चुकी है कुछ लोग फिल्म को पसंद कर रहे हैं तो वहीं कुछ फिल्म को नापसंद भी कर रहे हैं। फिल्म का निर्देशन मोहित सूरी (Mohit Suri) ने किया है। यहां पर हम इस फिल्म का रिव्यू (Movie Review) करेंगे और बताएंगे की आपको ये फिल्म देखनी चाहिए या फिर नही।

क्या है फिल्म की कहानी

मोहब्बत (Love) और लड़ाई (Fight) पर इस फिल्म की कहानी टिकी हुई है। कहानी में भैरव यानी जॉन अब्राहम एक प्रेमी हैं, जो रसिका यानी दिशा पटानी से प्यार करता है लेकिन, रसिका के इंकार को पचा नही पाता है। इसके अलावा गायिका आरवी यानी तारा सुतारिया को रहस्यमय परिस्थितियों में, उसके घर से अगवा कर लिया जाता है और इसमें उसके प्रेमी गौतम यानी अर्जुन कपूर को अचानक गायब होने के लिए दोषी ठहराया जाता है, तो गौतम उसकी तलाश में लग जाता है, उसका और भैरव का आमना सामना होता है और लड़ाई देखने को मिलती है। साथ ही पूरे शहर में भी कई सारे लड़कियों के खून होते हैं जिन्हें भी कहानी सुलझाना चाहती है। इन सबके बीच बहुत सारा ड्रामा और एक्शन देखने को मिलता है।

कैसी है कहानी

अगर कहानी की बात करें तो कहानी में एक्शन देखने को मिलता है जो आपकी रूचि बनाए रखता है, लेकिन कुछ जगह पर एक्शन सीन्स (Action Scene) का कोई लॉजिक नही होता है तो वहीं कुछ एक्शन सीन बहुत सामान्य (Normal) है और कुछ कई बार देखे हुए लगते हैं। फिल्म शुरुआत में आपको बांधती है लेकिन जैसे जैसे बढ़ती है मध्यांतर (Interval) तक आपको भ्रम (Confuse) में डाल देती है। आपको पहले कुछ समझ में ही नही आता है कि ये क्यों हो रहा है, गलत कौन है और कौन सही है। लेकिन जैसे फिल्म अपने सेकंड हॉफ (Second Half) में पहुंचती है फिल्म दर्शकों का ध्यान खींचती है और दर्शकों के उत्साह (Excitement) और मनोरंजन (Entertainment) में कुछ बढ़त होती है। फिल्म में सस्पेंस (Suspense) और ट्वीस्ट और टर्न (Twist and Turn) हैं लेकिन वो उतने कारगर (Best) नही हैं। आजकल के हिसाब से वो सारे सीन्स बहुत सामान्य है। कह सकते हैं, आखिरी का क्लाइमैक्स (Climax) ठीक है जिसे देखने के लिए आपको पूरी फिल्म देखना पड़ता है। लेकिन समस्या यह है कि, फिल्म में कोई ऐसा भी सस्पेंस और थ्रिलर नही है जिसके लिए आपको फिल्म अंत तक बैठकर देखना पड़े। फिल्म में अर्जुन कपूर का काम पहले से बेहतर हुआ है लेकिन जॉन अब्राहम को वैसे ही पेश कर दिया गया है जैसे वो दिखते हैं। इसके अलावा दिशा पाटनी और तारा सुतरिया एक अच्छी अदाकारी (Acting) करती हैं जिसकी वजह से फिल्म में आप बैठे रहते हो। ओवरआल फिल्म एक विलेन की तुलना में एक विलेन रिटर्न्स बहुत ज्यादा फीकी है, लेकिन एक ऐसा मनोरंजन जरूर है जिसे एक बार के लिए देखा जा सकता है। फिल्म का म्यूजिक और डायरेक्शन बहुत खास नही है एक और दो गीत ही सिर्फ ठीक-ठाक हैं। क्योंकि जॉन अब्राहम को फिल्म की रेटिंग का जानने का उत्साह रहता है, इसलिए उनके लिए इस फिल्म को मिलते हैं 2 सितारा और कलाकारों की परफॉरमेंस को मिलते हैं 3 स्टार