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मेरी आंखों में अभी भी तारे हैं: भूमि पेडनेकर

अभिनेत्री का मानना है कि वह भाग्यशाली थीं कि उन्हें अभिनय में हाथ आजमाने का मौका मिला। उन्होंने कहा, “मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे अवसर मिले, और यह सब यशराज फिल्म्स में उस एक नौकरी के साथ शुरू हुआ। जब मैंने उनके साथ शुरुआत की तो मैं 17 साल की थी, मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रही थी।”

मुंबई। अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने ‘दम लगा के हईशा’, ‘शुभ मंगल सावधान’, ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ और ‘पति, पत्नी और वो’ जैसी फिल्मों में मजबूत भूमिकाओं के साथ बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई है। हालांकि उनका मानना है कि इस प्रसिद्धि से भी उनमें कोई बदलाव नहीं आया है। भूमि ने कहा, “मैं अभी भी वही लड़की हूं। ईमानदारी से कहूं तो मेरे अंदर अधिक बदलाव नहीं आए हैं। सफलता ने मुझे जरा भी नहीं बदला है। मैं अभी भी बहुत संवेदनशीन, महत्वाकांक्षी हूं, अभी भी मेरी आंखों में तारे हैं और बहुत बड़े सपने हैं। मुझे लगता है, मेरे जीवन का सबसे बड़ा बदलाव यह था कि मैंने बहुत कम उम्र में तय किया कि मैं एक अभिनेत्री बनना चाहती हूं।”

वह उन लक्ष्यों का पीछा करना चाहती हैं जिन्हें वह एक कलाकार के रूप में हासिल करना चाहती हैं। इस बारे में उन्होंने कहा, “मैं वह काम करना चाहती हूं, जो मैं करना चाहती हूं और अपने लिए एक अलग जगह बनाना चाहती हूं। मैं चूहे की दौड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहती और इसे लेकर मेरा दृष्टिकोण स्पष्ट है।”

अभिनेत्री का मानना है कि वह भाग्यशाली थीं कि उन्हें अभिनय में हाथ आजमाने का मौका मिला। उन्होंने कहा, “मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे अवसर मिले, और यह सब यशराज फिल्म्स में उस एक नौकरी के साथ शुरू हुआ। जब मैंने उनके साथ शुरुआत की तो मैं 17 साल की थी, मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रही थी।”

Bhumi Pednekar

गौरतलब है कि भूमि ने यशराज प्रोडक्शन हाउस में एक सहायक कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में शुरुआत की थी, इसके बाद उन्हें इसी बैनर की साल 2015 के प्रोडक्शन ‘दम लगा के हईशा’ से ब्रेक मिला, जिसमें उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई थी।