newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Kangana Ranaut: महिलाओं के लिए कंगना रनौत का वीडियो, बोलीं- ‘डरो मत, मार-मारकर…’

Kangana Ranaut: कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एक लड़की लड़के को पीट रही है। इस वीडियो को शेयर करते हुए कंगना ने लिखा कि ‘मुझे पता नहीं कि हुआ क्या?

नई दिल्ली। अपने मुंहफट अंदाज के लिए और किसी भी मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखनेवाली बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत का एक और संदेश वायरल हो रहा है। ट्वीटर पर आम महिलाओं को संबोधित करते हुए कंगना ने जो लिखा है वह महिलाओं को हिम्मत देने के लिए काफी है। सोशल मीडिया पर कंगना अपनी बेबाक राय की वजह से लोगों के दिलों में छा जाती हैं। सुशांत केस और फिर इसी केस में ड्रग एंगल सामने आने के बाद उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री पर जिस तरह से निशाना साधा वह कोई कैसे भूल सकता है। वहीं बीएमसी के साथ विवाद हो, हाथरस या बलरामपुर में रेप का मामला हो या किसानों को लेकर बात कंगना सोशल मीडिया पर अपनी राय रखती रहती हैं। हाल ही में उन्होंने देश की सभी लड़कियों और महिलाओं के लिए एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने ये बताने की कोशिश की है कि अगर महिलाएं न डरें तो अकेला आदमी, एक अकेली लड़की पर हावी नहीं हो सकता है।

kangana ranaut

कंगना रनौत ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एक लड़की लड़के को पीट रही है। इस वीडियो को शेयर करते हुए कंगना ने लिखा कि ‘मुझे पता नहीं कि हुआ क्या? मगर रोज-रोज बलात्कार, मर्डर, लड़कियों के शोषण की खबरों से इतना परेशान हूं कि मैं चाहती हूं की हर लड़की यह देखे, डरो मत ये देखो और सीखो, अगर कोई डराए तो यह जान लो की एक अकेला आदमी एक अकेली लड़की पे हावी नहीं हो सकता, मार-मार के चमड़ी निकाल दो, बहुत बढ़िया किया लड़की।’


सोशल मीडिया पर कंगना रनौत की इस पोस्ट को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। कई यूजर्स कह रहे हैं कि वह अपनी बेटियों के अब ऐसा बनने की ही सलाह दे रहे हैं।

इस पोस्ट के साथ कंगना ने एक यूजर के वीडियो को भी रिट्वीट किया है, जिसमें बॉलीवुड इंडस्ट्री में काम करने वाले सामान्य लोगों के हालातों को बताया गया है। कंगना ने इस ट्वीट को रिट्वीट किया और लिखा- बॉलीवुड के सभी लकड़बग्घों ने मीडिया पर अटैक किया क्योंकि उन्हें कई प्रकार के नामों से बुलाया लेकिन मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि आखिर क्यों जब मजदूरों, महिलाओं और स्टंटमैन्स के साथ अन्याय होता है तो वे ऐसी एकता नहीं दिखाते हैं? ये लोग अपने ह्यूमन राइट्स की डिमांड तो करते हैं लेकिन दूसरों के मानवाधिकारों के लिए चुप हो जाते हैं।